कमजोर शहरी खपत के बीच ज्यादातर एफएमसीजी कंपनियों को वृद्धि की रफ्तार कायम रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हालांकि मैरिको के पास सुसंगत विकास और उत्पाद विविधीकरण की योजना है जिससे वह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कंपनी का समेकित सकल मार्जिन सालाना आधार पर 180 आधार अंक तक घटकर 49.5 फीसदी रह गया। खोपरा की कीमतें सालाना आधार पर 38 फीसदी तक बढ़ने और राइस ब्रान ऑयल में 19 फीसदी की तेजी आने से मुद्रास्फीति दबाव बढ़ा जिससे सकल मार्जिन प्रभावित हुआ। कंपनी का एबिटा मार्जिन सालाना आधार पर 210 आधार अंक घटकर 19.1 फीसदी रह गया। समायोजित कर बाद लाभ सालाना आधार पर 4 फीसदी तक बढ़ा।
कंपनी ने कोर सेगमेंटों में वृद्धि की मजबूत रफ्तार और नए जमाने के व्यवसायों में तेजी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत बढ़ोतरी की मदद से दो अंक की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। उसने फूड और प्रीमियम पर्सनल केयर सेगमेंट में मूल्य-वर्धित उत्पादों पर ध्यान दिया है और उसका लक्ष्य इन क्षेत्रों में 20-25 प्रतिशत सीएजीआर हासिल करना है। कीमतों में बढ़ोतरी (15-20 प्रतिशत) के बावजूद पैराशूट और सफोला ब्रांडेड उत्पादों की मांग स्थिर बनी हुई है।
सफोला में, फूड सेगमेंट का अगले 4-5 वर्ष के दौरान कुल राजस्व में 50 प्रतिशत योगदान रहेगा जो इस समय 30 फीसदी है। डिजिटल में, प्लिक्स और बियर्डो मजबूत वृद्धि दिखा रहे हैं। कंपनी प्रोजेक्ट सेतु के माध्यम से जनरल ट्रेड में सीधी पहुंच का विस्तार कर रही है और साथ ही क्विक कॉमर्स को बढ़ावा दे रही है, जो भारत में बिक्री का 3 प्रतिशत है। प्रोजेक्ट सेतु वित्त वर्ष 2027 तक प्रत्यक्ष वितरण को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख आउटलेट तक ले जाएगा।
कंपनी को वित्त वर्ष 2026 में दो अंक की राजस्व वृद्धि की उम्मीद है। ऊंची उत्पादन लागत से मार्जिन कम हो सकता है, लेकिन दीर्घावधि दृष्टिकोण उत्पाद मिश्रण और प्रीमियमीकरण में सुधार पर आधारित है।
प्रबंधन का कहना है कि ग्रामीण मांग सुधर रही है जबकि कुछ तिमाहियों में शहरी मांग भी सुधर सकती है, क्योंकि मुद्रास्फीति नरम पड़ी है। हाल में केंद्रीय बजट में लोगों को दिए गए कर राहत लाभ से शहरी खपत में इजाफा हो सकता है। पैराशूट कोकोनट ऑयल से 5-7 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि की उम्मीद है। पिछली मूल्य वृद्धि का असर वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही से दिखना शुरू होगा। वैल्यू एडेड हेयर ऑयल सेगमेंट में धीरे-धीरे सुधार आने की उम्मीद है। इस श्रेणी में मिड और प्रीमियम सेगमेंट बेहतर प्रदर्शन करेंगे। खाद्य श्रेणी में 20-25 प्रतिशत सीएजीआर की संभावना है। सफोला ब्रांड की बिक्री अलग अलग है, जिसमें 70 प्रतिशत तेलों और 30 प्रतिशत खाद्य पदार्थों से होती है।