facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

API गुणवत्ता के साथ अपनी दवा को बाजार में उतारेगी मैनकाइंड फार्मा

Last Updated- April 04, 2023 | 10:13 PM IST
Mankind Pharma pledges stake in Bharat Serums मैनकाइंड फार्मा ने भारत सीरम्स का हिस्सा गिरवी रखा

प्रमुख दवा कंपनी मैनकाइंड फार्मा अपनी दवाओं की पैकेजिंग में ड्रग मास्टर फाइल (DMF) मार्क लगाने की योजना बना रही है ताकि ग्राहकों को दवा के कच्चे माल की गुणवत्ता एवं शुद्धता के बारे में आश्वस्त किया जा सके। इससे भारत में दवाओं की पैकेजिंग के तरीके में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव हो सकता है। DMF मार्क से पता चलेगा कि कंपनी ने दवा बनाने के लिए डीएमएफ ग्रेड के ऐ​क्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट (API) का इस्तेमाल किया है।

DMF एक दस्तावेज है जिसमें किसी एपीआई अथवा तैयार दवा खुराक के बारे में पूरी जानकारी होती है। इसमें दवा उत्पादन प्रक्रिया, विनिर्माण, स्थिरता, शुद्धता, अशुद्धता प्रोफाइल आदि पर पूरी जानकारी होती है। आमतौर पर ये दस्तावेज नियामकीय आवश्यकताओं के अनुरूप सुरक्षा और प्रभावकारिता साबित करने के लिए USFDA आदि नियामकों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं। इस प्रकार, डीएमएफ ग्रेड एपीआई बल्क ड्रग की उच्च गुणवत्ता और शुद्धता को पता लगाने की क्षमता को दर्शाता है।

दवाओं के उत्पादन में अशुद्धता, मानक गुणवत्ता न होने और API सोर्सिंग को लेकर हाल में उठे मुद्दों को देखते हुए मैनकाइंड फार्मा ने अपनी दवाओं को डीएमएफ मार्क के साथ बाजार में उतारने की पहल की है। इससे दवाओं की गुणवत्ता के बारे में ग्राहकों को आश्वस्त किया जा सकेगा।

मैनकाइंड फार्मा के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव जुनेजा ने कहा, ‘यह मैनकाइंड फार्मा के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि कंपनी करीब 98 फीसदी राजस्व भारतीय बाजार से ही जुटाती है। इससे कंपनी को बाजार में अपनी ​स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि कुछ दवाओं पर DMF मार्क पहले से ही लगाए जा रहे हैं और कंपनी का शुरुआती लक्ष्य गंभीर रोगों की दवाओं पर इसे लगाना है।

यह मैनकाइंड के विजन 2030 का हिस्सा है। इसके तहत कंपनी की नजर मौजूदा चौथे पायदान से ऊपर बढ़ना है। जुनेजा ने कहा, ‘हम ग्राहकों को सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार, ब्रांड अ​भियान और अपने ब्रांड एंबेसडर के जरिये दवाओं की पैकिंग पर डीएमएफ मार्क के महत्त्व के बारे में बताएंगे। हमने हमेशा से न केवल प्रमुख उपभोक्ता ब्रांड बनाने पर ध्यान दिया है बल्कि मैनकाइंड फार्मा को एक कॉरपोरेट ब्रांड भी तैयार किया है।’

जहां तक डीएमएफ ग्रेड API के इस्तेमाल से उत्पादन लागत में वृद्धि का सवाल है तो जुनेजा ने कहा कि पहले साल लागत में कुछ वृद्धि होगी लेकिन समय के साथ-साथ उसका फायदा भी मिलेगा।

यह पहल यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (UCPMP) को लेकर जारी विवाद को देखते हुए कहीं महत्त्वपूर्ण है। यूसीपीएमपी में डॉक्टरों और दवा कंपनी के बीच गठजोड़ जांच के दायरे में आ गया है। सरकार भी दवाओं की पैकिंग पर गुणवत्ता चिह्न लगाने की तैयारी कर रही है ताकि उपभोक्ताओं को सशक्त बनाया जा सके।

इस बीच, मैनकाइंड फार्मा दवाओं की आपूर्ति में भी नवाचार पर काम कर रही है। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में कंपनी की महज 13 फीसदी दवाएं शामिल हैं। जुनेजा ने कहा कि उपभोक्ता ब्रांडों पर कंपनी की नजर बरकरार रहेगी।

कंपनी अपने आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए मसौदा पत्र इसी महीने बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराने की तैयारी कर रही है। बाजार सूत्रों के अनुसार कंपनी IPO के जरिये 6 से 7 अरब मूल्यांकन पर 4,300 से 4,800 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।

First Published - April 4, 2023 | 9:26 PM IST

संबंधित पोस्ट