सिटी गैस वितरक (सीजीडी) महानगर गैस ने मुंबई में कंपनी की इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्सक्लूसिविटी खत्म करने के संबंध में मिले नियामक के नोटिस को कानूनी रूप से चुनौती दी है। हालांकि महानगर गैस (एमजीएल) और देश के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाना चाह रहे हैं। कंपनी अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्सक्लूसिविटी बरकरार रखने के लिए 10 वर्षीय विस्तार के लिए भी आवेदन करने पर विचार कर रही है।
4 मार्च को एक सार्वजनिक नोटिस में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामकीय बोर्ड (पीएनजी आरबी) ने कहा कि मुंबई और ग्रेटर मुंबई में भौगोलिक क्षेत्रों को दी गई इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्सक्लूसिविटी अवधि समाप्त हो गई है। नोटिस में इस अवधि की समाप्ति अप्रैल 2021 बताई गई है। इस तरह का कदम पहली बार उठा है और इससे उद्योग चकित है।
महानगर गैस ने इस सप्ताह बिजनेस स्टैंडर्ड के सवाल के जवाब में कहा, ‘कंपनी ने पीएनजीआरबी के 4 मार्च 2024 के नोटिस को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी है।’ कंपनी ने कहा कि मामला इस समय विचाराधीन है। हालांकि ’14 मार्च को दोनों पक्षों ने अदालत को सूचित किया था कि वे आपसी सहमति से मामला निपटाने का रास्ता तलाश रहे हैं।’
एमजीएल ने अपने जवाब में कहा कि वह नियमों के तहत 10 वर्षीय के विस्तार के लिए आवेदन करेगी। महानगर गैस को अल्पावधि या मध्यावधि में अपने व्यवसाय पर इस नोटिस का कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।