भारतीय नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने गुरुवार को एयर इंडिया का अप्रूव्ड ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (एटीओ) लाइसेंस 30 दिन की अवधि के लिए सशर्त तौर बहाल कर दिया है। इससे एयरलाइन को पायलटों का लाइसेंस बहाल करने और अपने सिम्युलेटरों में प्रमाणन नवीकरण की अनुमति मिलेगी।
पिछले सप्ताह, नियामक ने एयर इंडिया का एटीओ लाइसेंस रद्द कर दिया था, जिसके साथ ही उसके सिम्युलेटरों – मुंबई में बोइंग सिम्युलेटर और हैदराबाद में एयरबस सिम्युलेटर- दोनों के लाइसेंस समाप्त कर दिए गए थे। नियामक को जांच के दौरान कुछ खामियां मिलने की वजह से यह कदम उठाया गया था। एयर इंडिया के पायलटों के लिए प्रमाणन और लाइसेंस नवीकरण प्रक्रिया डीजीसीए द्वारा लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद से प्रभावित हो गई थी।
जांच के दौरान, नियामक को पता चला था कि सिम्युलेटरों के लिए क्वालिटी मैन्युअल पुराना हो गया है और सिम्युलेटरों की देखरेख के लिए कोई गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी तैनात नहीं किया गया है। इसके अलावा, सिम्युलेटरों की रखरखाव जांच के लिए कोई मानक परिचालन प्रक्रिया भी नहीं थी, जैसा कि डीजीसी को पता चला था।
इसके परिणामस्वरूप, एयर इंडिया ने डीजीसीए को जरूरी कागजी कार्य सौंपे, जिनमें निवारक मैंटेनेंस जांच के लिए नवगठित एसओपी और सिम्युलेटरों के लिए क्वालिटी मैन्युअल शामिल हैं। डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा, ‘खामियां दूर किए जाने के बाद सशर्त मंजूरी 30 दिन के लिए दी गई है। आंतरिक ऑडिट 30 दिन की अवधि में किया जाना है और उस समीक्षा के बाद सामने आने वाले खुलासों को डीजीसीए के साथ साझा किया जाएगा।’
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि नियामक के निर्देश के अनुसार एयरलाइन दोनों सिम्युलेटरों का अपना आंतरिक ऑडिट पहले ही शुरू करा चुकी है। अधिकारी ने बताया कि इन सिम्युलेटरों की मदद से एयरलाइन के पायलटों ने अपने प्रमाणन और लाइसेंस नवीकरण पाठ्यक्रम भी शुरू किए हैं।