khadi Mahotsav 2023: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के साथ देशभर में खादी महोत्सव की शुरुआत हो गई। खादी अपनी परांपरागत पहचना के साथ मुनाफे की पटरी पर भी दौड़ने की तैयारी में है।
आयोग अब अपने बुनकरों, कारीगारों के हितों की बात करने के साथ-साथ कारोबारी मुनाफे की भी खुलकर बात करता है। केवीआईसी का लाभ वर्ष 2014 के करीब 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 34,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को गांधीवादी आदर्शों को आगे बढ़ाने के साथ मुनाफा कमाने पर ध्यान देना चाहिए।
राणे ने महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 में 27,569.37 करोड़ की तुलना मे वित्तीय वर्ष 2022 -23 में तीन गुना से अधिक बढ़कर 95,956.67 करोड़ रुपये (248.05 फीसदी की वृद्धि) हुआ है । इसी तरह, खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 में 1,34,629.91 करोड़ रही जो कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में 33,135.90 करोड़ रुपये चार गुना बढ़कर 306.2 फीसदी से अधिक हो गई है ।
राणे ने कहा कि केवीआईसी के उत्पादों एवं शिल्पकारों को गांधीवादी आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ लाभ सुनिश्चित करने के लिए खूब प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। केवीआईसी को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देना चाहिए। खादी ग्रामोद्योग को ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि केवीआईसी का मुख्यालय उस मुंबई शहर में स्थित है जो राष्ट्रीय कोष में 34 प्रतिशत का योगदान करता है।
केवीआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनीत ने बताया कि 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक देशव्यापी खादी महोत्सव शुरु किया गया। अभियान का उद्देश्य खादी और ग्रामोद्योग, हथकरघा, हस्तशिल्प, ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) उत्पादों और स्थानीय स्तर पर उत्पादित विभिन्न पारंपरिक और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह वोकल फॉर लोकल अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान के विचार को बढ़ावा देता है।
प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताएं
विभिन्न राज्यों की लगभग 100 खादी ग्रामोद्योग संस्थाएं खादी उत्पादों की एक विविध श्रृंखला पेश कर रही हैं, जिनमें खादी वस्त्र व रेडिमेड परिधान, रेशम साड़ियाँ, ड्रेस मटेरियल, कुर्ता, जैकेट, बेडशीट, कालीन, रसायन मुक्त शैंपू एवं हर्बल उत्पाद, नैसर्गिक शहद और अन्य घरेलू सामान, साथ ही उत्कृष्ट कला प्रदर्शन के साथ प्रदर्शनी में हस्तशिल्पी भी भाग ले रहे हैं। इसके अलावा, महोत्सव का उद्देश्य बुनकरों और कुटीर उद्योग में लगे श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।