दिवालिया विमानन कंपनी जेट एयरवेज के लिए सफल बोली लगाने वाले जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) ने घोषणा की है कि उसने बंद पड़ी विमानन कंपनी में 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है और अदालत द्वारा मंजूर योजना के अनुसार कुल 350 करोड़ रुपये लगाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी कर ली है।
अगस्त में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील पंचाट (एनसीएलएटी) ने जेकेसी को इस विमानन कंपनी के ऋणदाताओं को 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए सितंबर के आखिर तक की समय सीमा प्रदान थी।
इस तरह जेकेसी 31 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये और 30 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये और लगा चुकी है। पंचाट ने जेकेसी की प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) लागू करते हुए भुगतान के रूप में 150 करोड़ रुपये के समायोजन की अनुमति दी थी।
कंसोर्टियम ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि इस निवेश के साथ जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने अब अदालत द्वारा मंजूर समाधान योजना के अनुसार 350 करोड़ रुपये की इक्विटी की अपनी कुल वित्तीय प्रतिबद्धता पूरी कर ली है और जेकेसी की सभी प्रतिबद्धताएं अब इस प्रतिष्ठित विमानन कंपनी का नियंत्रण लेने के लिए पूरी हो चुकी हैं।
Also Read: Godrej Properties ने नागपुर में खरीदी 109 एकड़ जमीन
हालांकि जेकेसी ने जेट का परिचालन फिर से शुरू करने की पक्की तारीख का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उसने यह उल्लेख किया है कि वह अगले वर्ष में इस विमानन कंपनी को फिर से स्थापित करने की योजना बना रहा है। जेकेसी ने कहा कि कंसोर्टियम आगामी सप्ताहों में विमान कपंनी को फिर से शुरू करने की तारीख की घोषणा करेगा।
उसने कहा कि विमानन कंपनी को फिर से सक्रिय करने के लिए कंसोर्टियम की रणनीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। नए प्रवर्तक वर्ष 2024 में विमानन कंपनी का परिचालन बहाल करने और इसे चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जेट एयरवेज की शुरुआत करने की तिथि के बारे में आगे की घोषणाएं अब आने वाले सप्ताहों में की जाएंगी।
इस साल की शुरुआत में एनसीएलटी ने विमानन कंपनी को फिर से सक्रिय करने के उद्देश्य से जेट एयरवेज का मालिकाना हक जेकेसी को हस्तांतरित करने की अनुमति प्रदान की थी।
जेट एयरवेज ने अप्रैल 2019 में परिचालन बंद कर दिया था और कंसोर्टियम द्वारा पेश की गई पुनरुद्धार योजना को अक्टूबर 2020 में लेनदारों की समिति द्वारा मंजूर की गई थी। एनसीएलटी ने जून 2021 में योजना को मंजूरी दी थी।
जुलाई में विमानन क्षेत्र के विनियामक नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमानन कंपनी के विमान परिचालक प्रमाणपत्र (एओसी) को नवीनीकृत किया था। किसी विमानन कंपनी के लिए वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन करने के लिए एओसी हासिल करना जरूरत शर्त होती है।
उसी महीने जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने सर्वोच्च न्यायालय से ठप पड़ी विमानन कंपनी को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया था।