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आईटीसी के FMCG सेक्टर ने दिखाया दम

Last Updated- June 04, 2023 | 10:59 PM IST
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टमाटर की तरी में धीरे-धरी पकाई गई उड़द की दाल – ‘दाल बुखारा’ आईटीसी मौर्य का खास व्यंजन है, जिसे गाहे-बगाहे दुनिया के कुछ सबसे शक्तिशाली नेताओं से भूरी-भूरी प्रशंसा मिलती रही है। इनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी शामिल हैं। यह व्यंजन रेडी-टू-ईट प्रारूप में वर्ष 2001 में सुपरमार्केट में आया।

‘किचंस ऑफ इंडिया’ ब्रांड के तहत इस पेशकश ने गैर-सिगरेट वाले दैनिक उपभोक्ता वस्तु (FMCG) क्षेत्र में आईटीसी के प्रवेश को चिह्नित किया था। अगले दो दशकों के दौरान खाद्य, व्यक्तिगत देखभाल, शिक्षा और स्टेशनरी उत्पादों, अगरबत्तियों में कई शुरुआत हुई और देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शुमार कंपनी तैयार हुई।

राजस्व आना शुरू हो गया और जल्द ही एफएमसीजी क्षेत्र तंबाकू के बाद दूसरे स्थान पर आ गया। इसके विपरीत मुनाफे (इस खंड के परिणाम में दर्ज ब्याज और कर पूर्व लाभ या पीबीआईटी के रूप) की धीमी शुरुआत रही है। लेकिन अगर पिछले साल के आंकड़ों को कोई संकेत मानें, तो कंपनी का एफएमसीजी (गैर-तंबाकू) कारोबार परिपक्व होता दिख रहा है।

वित्त वर्ष 23 के दौरान 1,386 करोड़ रुपये के साथ गैर-सिगरेट वाले एफएमसीजी खंड में इसका सर्वाधिक पीबीआईटी दज किया गया, जो वर्ष 22 में पिछले सर्वाधिक स्तर 935 करोड़ रुपये से 48.23 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 23 में इस खड का राजस्व 19,153 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 22 के 16,023 करोड़ रुपये की तुलना में 19.53 तक अधिक रहा।

प्रभुदास लीलाधर के निदेशक (अनुसंधान) ए. अग्रवाल का आकलन है कि एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 23 में पहली बार दो अंकों में पहुंच गया। पिछले छह साल से एबिटा मार्जिन हर साल बढ़ता रहा है। वित्त वर्ष 17 में यह 2.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 22 में नौ प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में यह 10.2 प्रतिशत था।

वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही के परिणामों के बाद की रिपोर्ट में मोतीलाल ओसवाल ने उल्लेख किया है कि आईटीसी की आय का दृष्टिकोण वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 25 में अन्य लार्ज-कैप प्रमुख खाद्य कंपनियों की तुलना में बेहतर है। फाउंडेशन कुछ समय से तैयारी में जुटा हुआ था।

विनिर्माण में निवेश, एकीकृत उपभोक्ता वस्तु विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं (आईसीएमएल) और डिजिटलीकरण लंबे समय से चल रही ऐसी पहलें हैं जो अब फल दे रही हैं। देश भर में करीब 11 आईसीएमएल हैं, जिनमें से अधिकांश की स्थापना पिछले तीन से पांच वर्षों में की गई थीं।

कंपनी के सूत्रों के अनुसार किसी एकीकृत डिजिटल आर्किटेक्चर में 200 कारखानों, 50 गोदामों, 2,200 वितरकों और 17,000 से अधिक स्टॉकिस्टों के अलावा 25 लाख खुदरा विक्रेताओं को शामिल रहते हैं, जिससे कुशलता आती है।

आईटीसी का दायरा कारोबार की विस्तृत श्रृंखला – सिगरेट, होटल, कृषि, पेपरबोर्ड, पेपर और पैकेजिंग में फैला हुआ है, लेकिन एफएमसीजी (खाद्य) में विविधीकरण सर्वाधिक संस्थागत शक्ति आकर्षित करता है। एफएमसीजी पोर्टफोलियो में खाद्य सबसे बड़ा हिस्सा है।

जब राजस्व की बात आती है, तो सिगरेट के बाद एफएमसीजी खंड सबसे ज्यादा योगदान (22.83 प्रतिशत) करता है, जो अभी भी 37.27 प्रतिशत राजस्व और 75.42 प्रतिशत पीबीआईटी (वित्त वर्ष 23 में) के साथ सबसे आगे है। लेकिन एफएमसीजी ने अब मुनाफे में अधिक सार्थक योगदान करना शुरू कर दिया है।

पिछले तीन साल में कंपनी ने 300 उत्पाद पेश किए हैं। यह वित्त वर्ष 21 में कोविड-19 महामारी के दौरान 120 के शीर्ष स्तर पर थे और वित्त वर्ष 23 में भी 90 से अधिक रहे। प्रभुदास लीलाधर के अग्रवाल ने कहा कि नवाचार और उत्पाद पेशकश के मामले में आईटीसी सबसे आक्रामक एफएमसीजी कंपनियों में से एक है।

First Published - June 4, 2023 | 10:59 PM IST

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