देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों से भर्ती में पिछले दो साल की सुस्ती के बाद अब प्लेसमेंट की रौनक दिखने लगी है। प्रमुख आईटी सेवा कंपनियां वित्त वर्ष 2026 के लिए फ्रेशरों की नियुक्ति को रफ्तार दे रही हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले 7-8 महीनों के दौरान आईटी सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन दमदार बना रहेगा। इससे वित्त वर्ष 2026-27 के लिए नियुक्तियों में तेजी का संकेत मिलता है।
एआई से संचालित नियुक्ति स्वचालन फर्म हायरप्रो ने कहा कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटी सेवा कंपनियों और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) के जरिये प्लेसमेंट पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी अधिक होने का अनुमान है।
हायरप्रो के सीओओ एस पशुपति ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटी सेवा एवं जीसीसी में नियुक्तियां कुल मिलाकर पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है। नियुक्ति के मामले में आईटी सेवा कंपनियां जीसीसी से आगे निकल जाएंगी क्योंकि पिछले 18 से 24 महीनों से आईटी सेवा कंपनियों की नियुक्तियों में काफी नरमी रही है।’
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो जैसी कंपनियों ने अपनी भर्ती योजनाओं की घोषणा की है। उनकी घोषणाओं से कैंपस प्लेसमेंट में जबरदस्त तेजी आने की उम्मीद है। टीसीएस ने आक्रामक भर्ती की घोषणा करते हुए 40,000 अथवा इससे अधिक फ्रेशरों को नियुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इन्फोसिस ने 20,000 फ्रेशरों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। एचसीएल टेक ने 10,000 फ्रेशरों को नियुक्त करने की बात कही है। विप्रो ने कहा है कि वह परिसरों से तिमाही आधार पर 2,500 से 3,000 फ्रेशरों को नियुक्त करेगी।
वीआईटी वेलूर के निदेशक (करियर डेवलपमेंट सेंटर) वी सैम्यूल राजकुमार ने कहा, ‘पिछले साल हमने 871 कंपनियों के जरिये करीब 7,600 छात्रों को प्लेसमेंट दिलाया था। मगर इस साल अब तक 485 कंपनियों के जरिये 9,000 छात्रों का प्लेसमेंट पहले ही हो चुका है।’
प्लेसमेंट में तेजी को आईटी सेवा कंपनियों और जीसीसी दोनों से गति मिल रही है। वीआईटी के अधिकारी ने कहा, ‘आईटी सेवा कंपनियों ने इस साल काफी सक्रियता से भर्ती की है। इसके अलावा प्लेसमेंट के लिए 50 फीसदी पेशकश जीसीसी से आ रही हैं। वीआईटी के चार कैंपस में 14,000 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए आवेदन किया है।’
वीआईटी ने कहा कि इस साल भर्ती 2024 के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है और संस्थान अपनी शुद्ध भर्ती आंकड़े को पार कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि मई 2025 में स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद इस बैच के लिए कैंपस के बाहर भी काफी प्लेसमेंट होंगे। यह काफी महत्त्वपूर्ण होगा क्योंकि हाल के वर्षों में भर्ती सीजन के इतर नियुक्तियों की रफ्तार काफी सुस्त रही है। पारंपरिक तौर पर उच्च अध्ययन का विकल्प चुनने वाले फ्रेशर्स द्वारा खाली छोड़े गए पदों को भरने के लिए ऐसी नियुक्तियां की जाती हैं।’
आईटी सेवा उद्योग के लिए कैंपस नियुक्तियां सामान्य तौर पर जुलाई से जनवरी तक चलती है। मगर अगस्त से फरवरी के बीच आईटी सेवा के लिए भर्ती चरम पर होती है। पशुपति ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2026 के लिए भर्ती पहले ही पूरी हो चुकी है। अधिकतर आईटी कंपनियां शुरू में कुछ समय तक इंतजार करती हैं, लेकिन जल्द शुरुआत करने वाली कंपनियां 70 से 80 फीसदी नियुक्तियां पूरी कर चुकी हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान कैंपस से फ्रेशरों की मांग में काफी तेजी दिखी थी। उन्होंने कहा, ‘एक प्रमुख आईटी सेवा कंपनी ने शुरू में 1,000 से 2,000 फ्रेशरों की मांग की थी, लेकिन अब उसे 7,000 से 8,000 फ्रेशरों की जरूरत है। यह पिछली तिमाही के मुकाबले जबरदस्त उछाल है।’
बहरहाल, कुछ कंपनियां छात्रों को खपाने में पिछली चुनौतियों के मद्देनजर सतर्क रुख अपना रही हैं। हालांकि इसके बावजूद पिछली तिमाही के मुकाबले भर्ती में तेजी आई है। एक इंजीनियरिंग कॉलेज के प्लेसमेंट अधिकारी ने बताया कि प्लेसमेंट सीजन का दायरा बढ़कर अब पूरा साल हो गया है। उन्होंने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘कई सार्वजनिक उपक्रम और प्रौद्योगिकी कंपनियां जनवरी और मई के बीच भर्ती करना पसंद करती हैं। ऐसे में भर्ती पूरे साल चलने वाली प्रक्रिया बन गई है। मगर कुछ कंपनियां समय पर भर्ती को प्राथमिकता देती हैं। इससे उन्हें अनिश्चितता के समय प्रतिभाओं की नियुक्ति से निपटने में मदद मिलती है।’
नियुक्तियों की संख्या में वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन वेतन स्तर अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ है। आईटी सेवाओं में शुरुआती वेतन सालाना 3.6 से 4 लाख रुपये है। जीसीसी सालाना 6 लाख रुपये पर इससे अधिक पैकेज दे रहे हैं।