ग्राहकों के लंबित मामलों में कमी लाने के मकसद से सरकार ने आज भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI), बीमा कंपनियों व उद्योग के अन्य हिस्सेदारों से कहा है कि वह बीमा क्षेत्र से जुड़े प्रमुख मसलों का निपटान करें। आज आयोजित इस गोलमेज कार्यक्रम में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, IRDAI, सार्वजनिक एवं निजी बीमा कंपनियों, उपभोक्ता न्यायालय आयोगों व उपभोक्ता संगठनों के अधिकारी भी मौजूद थे।
देश भर के विभिन उपभोक्ता मंचों पर इस समय बीमा क्षेत्र के सबसे ज्यादा मामले लंबित हैं। दूसरे स्थान पर बैंकिंग क्षेत्र है। विभिन्न उपभोक्ता फोरम में कुल 5.53 लाख लंबित मामलों में से 1.6 लाख मामले मेडीक्लेम, स्वास्थ्य बीमा से यात्रा बीमा, जीवन बीमा, आवास बीमा, कार, अग्नि, मैरीन बीमा संबंधी मामले हैं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत मामले जिला उपभोक्ता न्यायालयों में हैं। 17 प्रतिशत राज्य उपभोक्ता न्यायालयों में हैं, जबकि 3 प्रतिशत मामले राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के पास हैं।
इस सम्मेलन में पहले से मौजूद शर्तों का खुलासा करने, पॉलिसी की शर्तों में अस्पष्टता, सही सूचनाओं का खुलासा न करना, मध्यस्तों और एजेंटों द्वारा पॉलिसी दस्तावेज साझा न करना और न्यायालय के बाहर विवाद खत्म करने के दौरान बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा फैसला से पाने की शक्तियां कम होना शामिल है।
अगर कंपनियां स्वैच्छिक रूप से लंबे समय से पड़े मामलों को नहीं निपटाती हैं तो इरडा कंपनियों के लिए मसलों का समाधान अनिवार्य कर सकता है।