टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस समेत शीर्ष बीमा कंपनियां अगले वित्त वर्ष के लिए टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के बेड़े को बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए होड़ में लगी हैं, जिसमें अगले वित्त वर्ष में डिलिवर किए जाने वाले नए विमान भी शामिल हैं।
बीमा अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में यूरोप की बहुराष्ट्रीय कंपनियां बीमा सुरक्षा की रूपरेखा पर बातचीत करने के लिए लंदन में एयर इंडिया के अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी हैं। पिछले साल बीमा कंपनियों ने संयुक्त रूप से एयर इंडिया को उसके 117 विमानों और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 24 विमानों के लिए 12 अरब डॉलर की बीमा सुरक्षा प्रदान की थी। विमान कंपनी ने करीब 300 करोड़ रुपये के बीमा प्रीमियम का भुगतान किया था।
विमान कंपनी ने 470 नए विमानों का ऑर्डर दिया है, इसलिए बीमा सुरक्षा अगले कुछ वर्षों के दौरान डिलिवरी के तय समय पर निर्भर करेगी। विमान कंपनी के पास अन्य 370 विमान खरीदने का विकल्प भी है, जिससे ऑर्डर का आकार 840 विमानों तक पहुंच जाता है। इसके अलावा एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा एयर इंडिया और टाटा एसआईए का विलय टाटा को और अधिक तोल-मोल करने की ताकत प्रदान कर रहा है।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा ‘एयर इंडिया, टाटा एसआईए एयरलाइंस के साथ विलय के दौर से गुजर रही है, जिससे विमान कंपनी को बीमा कंपनियों के साथ बेहतर सौदे के लिए तोल-मोल करने में मदद मिलेगी।’ विस्तारा ब्रांड के तहत परिचालन करने वाली टाटा एसआईए एयरलाइंस के पास 54 विमानों का बेड़ा है।
बीमा अधिकारियों ने कहा कि नए विमानों के संभावित जोरदार कारोबार की वजह से न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और नैशनल इंश्योरेंस कंपनी सहित कई कंपनियां मैदान में हैं। निजी कंपनियों में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड भी पिछले साल बीमा सुरक्षा प्रदान करने वाले कंसोर्टियम का हिस्सा थी। एयर इंडिया को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
भारतीय बीमा कंपनियां बीमा प्रीमियम का केवल एक हिस्सा ही अपने पास रखती हैं और शेष प्रीमियम तथा जोखिम अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम को दे देती हैं ताकि अपने बही-खाते को जोखिम से मुक्त किया जा सके।
यूक्रेन में चल रहे युद्ध और पिछले साल चीन में हुई विमान दुर्घटना के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान एयर इंडिया की बीमा लागत बढ़ गई थी।