जर्मनी की दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी इनफिनॉन देश में पावर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रवेश की संभावनाएं तलाश रही है। इसमें वेफर्स से लेकर सिलिकन कार्बाइड चिप बनाना शामिल होगा, जो आमतौर पर ईवी, औद्योगिक और टेलीकॉम क्षेत्र जैसे उद्योगों में उपयोग किया जाता है।
कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने आज दिल्ली में चर्चा के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। कंपनी की यह कवायद मलेशिया में विश्व के सबसे बड़े 200 मिलीमीटर सिलिकॉन कार्बाइड संयंत्र (एसआईसी) फैब के पहले चरण के उद्घाटन के तुरंत बाद की गई है, जो पावर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपना नेतृत्व मजबूत कर रही है।
कंपनी ने पहले चरण के लिए 2 अरब यूरो का निवेश किया है और उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना से 4,000 नौकरियां पैदा होंगी। कंपनी के पास पहले से ही एशिया में मलेशिया के अलावा सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड और चीन में बैकएंड और फ्रंटएंड विनिर्माण संयंत्र हैं। मगर इसने हाल ही में अपनी लागत में कमी करने के उपायों के तहत 1,400 नौकरियों की छंटनी और उन्हें सस्ते श्रम लागत वाले देशों में स्थानांतरित करने की योजना के बारे में बताया है।
बैठक के बारे में वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘इनफिनॉन की टीम के साथ पावर सेमीकंडक्टर विकसित करने पर चर्चा की गई है।’ एसआईसी प्रौद्योगिकी ने उच्च शक्ति वाले अनुप्रयोगों में क्रांति ला दी है क्योंकि वे बिजली को अधिक कुशलता से बचाते हैं और अधिक छोटे डिजाइन में तैयार करने के लायक बनाते हैं। एसआईसी सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रिक वाहनों, फास्ट चार्जिंग स्टेशन और ट्रेनों के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों तथा एआई डेटा केंद्रों की भी दक्षता बढ़ाते हैं।
पावर सिस्टम और आईओटी में वैश्विक दिग्गज कंपनी इनफिनॉन के विश्व भर में करीब 56 हजार कर्मचारी हैं और कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 16.3 अरब यूरो का राजस्व अर्जित किया था। फिलहाल यह दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी है।
वैश्विक वाहन सेमीकंडक्टर बाजार में 14.4 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ यह कंपनी पहले से ही इस क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर है। कंपनी की दुनिया भर में 155 से अधिक स्थानों पर मौजूदगी है और विश्व के 15 स्थानों पर इसके विनिर्माण संयंत्र हैं।