वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय वित्तीय प्रणाली को मजबूत बताए जाने के बाद उद्योग जगत के दिग्गजों ने कहा है कि भारत की
आर्थिक वृद्धि की तेज रफ्तार बरकरार रहेगी और किसी को भारत के खिलाफ नहीं जाना चाहिए।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘वैश्विक मीडिया इसे लेकर अनिश्चित है कि क्या व्यावसायिक क्षेत्र में पैदा हुईं मौजूदा चुनौतियों की वजह से भारत के लिए वैश्विक आर्थिक ताकत बनने की राह मुश्किल हो जाएगी। मेरी उम्र इतनी हो गई है कि मैंने लंबे समय से भूकंप, सूखे, मंदी, युद्ध, आतंकी हमले जैसी चुनौतियों वाला परिवेश देखा है। मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि भारत के खिलाफ सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।’
कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य कार्याधिकारी उदय कोटक का कहना है कि उन्हें ताजा घटनाक्रम से भारतीय वित्तीय व्यवस्था के लिए किसी तरह का बड़ा जोखिम पैदा होता नहीं दिख रहा है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है, ‘हालांकि बड़ी भारतीय कंपनियां कर्ज और इक्विटी फाइनैंस के लिए वैश्विक स्रोतों पर ज्यादा निर्भर करती हैं। इससे चुनौतियां और समस्याएं पैदा होती हैं। भारत में क्षमता निर्माण को मजबूत बनाने की जरूरत है।’
भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों ने अदाणी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद बाजार में आए उतार-चढ़ाव पर प्रतिक्रिया के तौर पर ये बातें कही हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों का बाजार मूल्य 100 अरब डॉलर घट गया है। हालांकि कुछ शेयरों में शुक्रवार को सुधार देखने को मिला था।
एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में सीतारमण ने कहा कि सेबी और आरबीआई को इक्विटी बाजार मजबूत बनाए रखने के प्रयास में हमेशा सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने संकेत दिया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट किसी एक कंपनी केंद्रित मामला था।
उन्होंने कहा कि बैंकों और बीमा कंपनियों का किसी एक कंपनी में हद से ज्यादा निवेश नहीं है और आश्वासन दिया कि भारतीय बाजार उसके नियामकों द्वारा अच्छी तरह से प्रबंधित हैं।
सप्ताहांत के दौरान आरबीआई और बाजार नियामक सेबी ने अलग अलग बयानों में कहा था कि वित्तीय बाजार सुरक्षित और अच्छी तरह से विनियमित हैं।
भारतीय स्टेट बैंक, ऐक्सिस बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने कहा कि उनका निवेश तय सीमा में है और ऋण वसूली को लेकर कोई समस्या नहीं दिख रही है।