इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने आयकर विधेयक में अकाउंटेंट की परिभाषा में लागत लेखाकार और कंपनी सेक्रेटरी को शामिल किए जाने की मांग के मद्देनजर कहा कि टैक्स ऑडिट वास्तव में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की विशेषता का क्षेत्र है।
नंदा ने कहा कि इस मुद्दे को कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की समन्वय समिति के समक्ष भी उठाया जा सकता है। इस समिति में आईसीएआई के अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएमएआई) भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अपने सहयोगी संस्थानों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने के इच्छुक हैं।
ऑडिट कार्य केवल सीए ही कर सकते हैं… हम हमेशा जोर देंगे कि ऑडिट हमारी विशेषज्ञता का क्षेत्र है।’आईटी विधेयक की धारा 515(3)(बी) में उल्लिखित ‘अकाउंटेंट’ की परिभाषा में इसे शामिल करने की मांग करते हुए, आईसीएसआई ने कहा था कि ऐसा न होना देश के वित्तीय व अनुपालन परिदृश्य में कंपनी सचिव की महत्त्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने में एक चूक के रूप में देखा जाता है।
आईसीएआई के क्षेत्रीय कार्यालयों के 39 सदस्यों ने नए आयकर विधेयक का अध्ययन किया है। अब ये सदस्य संस्थान की पांच सदस्यीय समिति को सिफारिश देंगे। आईसीएआई के विधेयक पर अंतिम सिफारिश चयन समिति और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के समक्ष 10 मार्च से पहले पेश करने की उम्मीद है।