बांग्लादेश में रोजगार कोटा के विरोध में हुए हमलों में 133 लोगों के मारे जाने के बाद वहां के सर्वोच्च न्यायालय ने रविवार को इस मामले में दखल किया। हिंसा के कारण भारतीय कंपनियों का व्यवसाय एवं परिचालन भी प्रभावित हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप को भारतीय कंपनियों के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है। बांग्लादेश में काम कर रही इमामी और इंडोफिल जैसे कंपनियों को विरोध प्रदर्शन और कर्फ्यू के कारण अपने संयंत्र बंद करने पड़े।
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग के आंकड़े के अनुसार, इस पड़ोसी राज्य में निवेश कर चुकी प्रमुख कंपनियों में मैरिको, इमामी, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, गोदरेज, सन फार्मा, टाटा मोटर्स और हीरो मोटोकॉर्प शामिल हैं। संकट के और बढ़ने से इन कंपनियों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ेगा।
दूसरी ओर, पड़ोसी देश में अशांति भारत के कपड़ा क्षेत्र के लिए एक अवसर साबित हो सकती है। भारत के कपड़ा केंद्र तिरुपुर को ऑर्डरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि चल रही मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल और अमेरिका तथा यूरोप के प्रमुख ब्रांडों का भरोसा डगमगाने से उसे फायदा मिलेगा।
रविवार को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में अधिकांश कोटा खत्म कर दिया, जिसके कारण छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए थे। खबरों के अनुसार, कोर्ट की अपीलीय डिवीजन ने निचली अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कोटा बहाल करने का आदेश दिया गया था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियां बिना कोटा के योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों के लिए खुली रहेंगी।
कोलकाता की इमामी बांग्लादेश के गाजीपुर में कंपनी स्वामित्व निर्माण इकाई का संचालन करती है। मौजूदा घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के निदेशक प्रशांत गोयनका ने कहा, ‘हमारा संयंत्र मौजूदा हालात की वजह से फिलहाल बंद है। बांग्लादेश में सभी अन्य व्यवसायों की तरह हम भी इस समय प्रभावित हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।’
इंडोफिल इंडस्ट्रीज बांग्लादेश को फसल सुरक्षा से जुड़े रसायनों का निर्यात करती है। ज्यादातर मैटेरियल ढाका से 30 किलोमीटर दूर संयंत्र में पैक होता है और फिर वहां से उसकी बिक्री की जाती है।
इंडोफिल इंडस्ट्रीज में बांग्लादेश के लिए सलाहकार जयंत चक्रवर्ती ने कहा, ‘संयंत्र अब बंद हो चुका है और हम अपने बचे हुए मौजूदा थोक माल को पैक किए जा चुके स्टॉक में दोबारा पैक नहीं कर सकते। मौजूदा हालात के कारण थोक आयात पर भी असर पड़ा है। हमें विश्वास है कि मौजूदा स्थिति का समाधान हो जाएगा। लेकिन अगर यही स्थिति बनी रही तो बांग्लादेश में फसल पर असर पड़ेगा।’