मारुति सुजूकी इंडिया की प्रवर्तक कंपनी सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन ने आज जारी अपने आगे के अनुमान में कहा कि वित्त वर्ष 2031 तक मारुति सुजूकी की यात्री कारों की सालाना बिक्री वित्त वर्ष 2024 के 17.9 लाख कारों से 41.9 फीसदी बढ़कर 25.4 लाख हो जाएगी। बिक्री वृद्धि को दम देने के लिए मारुति सुजूकी पहले ही वित्त वर्ष 2031 तक अपनी उत्पादन क्षमता दोगुनी कर सालाना 40 लाख वाहन करने की योजना का ऐलान कर चुकी है। घरेलू बिक्री के अलावा कंपनी 14.6 लाख कारों का निर्यात करेगी या टोयोटा जैसी साझेदार कंपनियों को उसकी आपूर्ति करेगी।
सुजूकी मोटर का लक्ष्य भारत में 40 लाख वाहनों का सालाना उत्पादन करना और देश को वैश्विक निर्यात केंद्र के रूप विकसित करना है। इस बीच सुजूकी मोटर ने मारुति सुजूकी के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की योजना में बदलाव करते हुए कहा कि कंपनी अब वित्त वर्ष 2031 तक चार ईवी लाने की योजना बना रही है। जनवरी 2023 में कंपनी ने 6 ईवी लाने की घोषणा की थी।
मारुति वित्त वर्ष 2031 तक अपनी कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 15 फीसदी करने के लक्ष्य पर अडिग है और ईवी के उत्पादन, निर्यात और बिक्री में अव्वल बनना चाह रही है। वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अनुसार 2024 में भारत में 99,165 ईवी की बिक्री हुई जो इससे पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी अधिक है। भारत में कुल कारों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी अभी महज 2.5 फीसदी है। मारुति ने पिछले महीने अपनी पहली ईवी ई-विटारा की झलक दिखाई थी।
सुजूकी मोटर ने भारत में भारी भरकम पूंजीगत खर्च की योजना का भी खुलासा किया है। सुजूकी मारुति के साथ मिलकर वित्त वर्ष 2026 से 2031 तक 1,200 अरब येन (69,201 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इनमें से 31,771 करोड़ रुपये क्षमता विस्तार और नए कारखाने लगाने पर खर्च किए जाएंगे। 23,107 करोड़ रुपये नए वाहनों के विकास और 8,665 करोड़ रुपये गुणवत्ता तथा दक्षता सुधार तथा 5,777 करोड़ रुपये कार्बन तटस्थता और सुजूकी स्मार्ट फैक्टरी पहल पर खर्च करने की योजना है। इस पहल के तहत विनिर्माण दक्षता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स और ऑगमेंटेड रिएलिटी (एआर) जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाएगा।
मारुति सुजूकी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए फिलहाल हरियाणा और गुजरात में दो नए कारखाने लगा रही है। सुजूकी मोटर ने कहा कि उसका लक्ष्य घरेलू यात्री वाहन बाजार में 50 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की है। उसने कहा, ‘प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है और उत्पाद, उपकरण और सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर ग्राहकों की आकांक्षा बढ़ रही है।’ अपने मौजूदा कारोबार की ताकत का लाभ उठाते हुए सुजूकी मोटर सर्विस मोबिलिटी और ऊर्जा क्षेत्र में नया उद्यम शुरू करेगी। इसमें अमेरिका की ग्लाइडवेज के साथ मिलकर ‘छोटे आकार की कार’ कारोबार और जापान के स्काईड्राइव की साझेदारी में ‘कॉम्पैक्ट थ्री-सीटर एयर मोबिलिटी’ कारोबार शामिल होगा।
सुजूकी मोटर ने कहा कि वह भारत में गोबर और पराली से बायोगैस बनाने के लिए बायोगैस संयंत्र लगाने पर भी काम कर रही है। कंपनी बायोगैस का उपयोग सीएनजी वाहनों के लिए ईंधन के रूप में करेगी। सुजूकी मोटर ने उम्मीद जताई कि मारुति सुजूकी की कुल बिक्री में सीएनजी से चलने वाले वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 35 फीसदी होगी। कंपनी बैटरी भंडारण कारोबार में भी उतर रही है, जो भारत और जापान में खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में नवीकरणीय ऊर्जा के कुशल उपयोग में योगदान देगा।