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Medical Tourism: बांग्लादेशी मरीजों की कमी से भारत के अस्पतालों की आय में 30-35% की भारी गिरावट

विश्लेषकों के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में भारत से जारी मेडिकल वीजा में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 70-75 फीसदी होती है।

Last Updated- June 09, 2025 | 11:17 PM IST
Hospital
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

बांग्लादेश में राजनीतिक उथलपुथल, भारत के प्रतिकूल सरकार के गठन और बिगड़ते द्विपक्षीय रिश्तों ने भारत के मेडिकल टूरिज्म को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश के मरीजों के भारत आने से मिलने वाले राजस्व में 2024-25 के दौरान 30-35 फीसदी तक कमी आई है। विश्लेषकों के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में भारत से जारी मेडिकल वीजा में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 70-75 फीसदी होती है।

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आए मरीजों से होने वाली आय वित्त वर्ष 25 में 30-35 फीसदी घटने का अनुमान है क्योंकि बांग्लादेश राजनीतिक संकट से गुजर रहा है और वहां सरकार बदली है। वर्ष की पहली छमाही में मरीजों की संख्या कम रही है।’

अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज और मणिपाल हॉस्पिटल्स जैसे बड़े अस्पतालों का राजस्व इस वर्ष बांग्लादेशी मरीजों की संख्या कम होने से अधिक प्रभावित हुआ है। ये मरीज इलाज के लिए अधिकतर पूर्वी भारत और दक्षिण भारत का रुख करते हैं।

अपोलो अस्पताल को बांग्लादेशी मरीजों से पिछले वर्ष 80 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था जो इस वर्ष चौथी तिमाही में 30 करोड़ रह गया। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की विश्लेषक आशिता जैन ने कहा कि वित्त वर्ष 25 में अपोलो के राजस्व पर करीब 1.5 फीसदी का असर हुआ और वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में यह करीब 2 फीसदी रहा।

मणिपाल हॉस्पिटल्स ने भी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में भारी कमी दर्ज की। पिछले साल की तुलना में इन मरीजों की संख्या 75 फीसदी कम हुई। मणिपाल हॉस्पिटल्स के समूह सीओओ कार्तिक राजगोपाल ने कहा, ‘पहले हर महीने करीब 10,000 चिकित्सा वीजा जारी किए जाते थे किंतु अब यह संख्या घटकर 800-900 रह गई है। इसके अलावा बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने 19 वीजा केंद्र बंद कर दिए हैं, जिससे आने वाले मरीजों की संख्या पर असर पड़ रहा है।’

इक्रा के मुताबिक बांग्लादेशी मरीजों की तादाद में भारी कमी आई है क्योंकि भारत के चिकित्सा वीजा में 70-75 फीसदी बांग्लादेशी नागरिकों को मिलते हैं। इक्रा की वाइस प्रेसिडेंट और कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग की सेक्टर हेड मैत्री मचेरला ने कहा कि ज्यादातर सूचीबद्ध अस्पतालों के राजस्व में अंतरराष्ट्रीय मरीजों का 3 से 9 फीसदी तक योगदान रहता है।

आव्रजन ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024 में देश में कुल 6.25 लाख मेडिकल टूरिस्ट आए, जबकि 2023 में संख्या 6.59 लाख थी। हालांकि 2022 के 4.75 लाख से यह आंकड़ा अब भी 32 फीसदी अधिक है।

अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज के प्रेसिडेंट और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मधु शशिधर ने कहा, ‘गिरावट आई है और कुछ समय से चल रह है। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट आई। हम इन देशों से आने वाले पीडियाट्रिक कैंसर जैसे कठिन रोगों के मरीजों का इलाज कर रहे हैं क्योंकि उनको चिकित्सा वीजा मिल रहा है। किंतु मरीजों की तादाद बहुत कम हो गई है।’

बांग्लादेश से लंबे समय से भारत में सबसे ज्यादा मेडिकल टूरिस्ट आते रहे हैं। 2023 में वहां से 4,49,570 मरीज भारत आए जो 2022 के मुकाबले 48 फीसदी ज्यादा थे। समूचे वित्त वर्ष में अपोलो हॉस्पिटल्स के राजस्व में बांग्लादेश के मरीजों का योगदान 100 करोड़ रुपये घट गया। बांग्लादेशी मरीजों से कंपनी को हर साल करीब 320 करोड़ रुपये मिलते हैं, जो पिछले वित्त वर्ष में घटकर केवल 220 करोड़ रुपये रह गए। अपोलो के राजस्व में अंतरराष्ट्रीय मरीजों का योगदान करीब 6 फीसदी है।

सूत्रों के मुताबिक अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों जैसे इंडोनेशिया, तिमोर-लेस्ते और फिलिपींस से मरीजों की आवक बढ़ी है। इसके अलावा विकसित देशों से भी मरीज भारत आ रहे हैं। उद्योग जगत के एक अन्य सूत्र के मुताबिक पाकिस्तानी अस्पताल अब बांग्लादेशी मरीजों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

किंतु इस संकट के बीच उम्मीद की किरण भी नजर आ रही है। सेठी ने कहा, ‘बांग्लादेश के मरीजों को मेडिकल वीजा देने की प्रक्रिया धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और वित्त वर्ष 2026 के 6-8 महीनों में हालात सामान्य हो जाएंगे। ऐसे में निजी अस्पतालों को बांग्लादेशी मेडिकल टूरिस्ट से होने वाली आय इस वर्ष भी प्रभावित रहेगी।’

मचेरला ने कहा, ‘भूराजनीतिक तनाव के कारण बांग्लादेश के मरीजों की संख्या में गिरावट के बावजूद कुछ सूचीबद्ध अस्पतालों को अंतरराष्ट्रीय मरीजों से मिलने वाला राजस्व वित्त वर्ष 25 में बढ़ा है क्योंकि दूसरे देशों से मरीजों की संख्या बढ़ी है।’

उदाहरण के लिए मैक्स हेल्थकेयर ने बांग्लादेशी मरीजों की संख्या कम होने के बाद भी चौथी तिमाही में अंतरराष्ट्रीय मरीजों से 28 फीसदी ज्यादा राजस्व कमाया। मैक्स के अंतरराष्ट्रीय मरीजों में बांग्लादेशी मरीज केवल 5 फीसदी हैं। मैक्स हेल्थकेयर के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अभय सोई ने परिणाम के बाद कहा कि उनके अंतरराष्ट्रीय मेडिकल टूरिज्म कारोबार में लंबे समय से 25 फीसदी वृद्धि देखी जा रही है और इन गतिरोधों के बावजूद 28 फीसदी इजाफा हुआ है।

इक्रा को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय मरीजों से मिलने वाले राजस्व का अनुपात तय दायरे में रहेगा और उम्मीद है कि इसमें धीमी ही सही बढ़ोतरी होती रहेगी।

 

First Published - June 9, 2025 | 10:45 PM IST

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