facebookmetapixel
फुल एंड फाइनल सेटलमेंट और लीव इनकैशमेंट अब नई तरह से मिलेगा! नए लेबर कोड में बड़ा बदलावSIR Form: क्या आपका नाम वोटर लिस्ट में है? 2003 की लिस्ट से ऐसे फटाफट करें जांचApple Store अब नोएडा में भी, चेक करें कब और कहां खुलेगा आउटलेटUS में 19 देशों के ग्रीन कार्ड की होगी तुरंत समीक्षा, DC में नेशनल गार्ड पर हमले के बाद ट्रंप प्रशासन का आदेशMeesho IPO: ₹105-111 के बीच तय हुआ प्राइस बैंड; जानें GMP, ऑफर फॉर सेल और अन्य अहम जानकारीGold-Silver Price Today: सोने के भाव ने छुआ ₹1,26,000 का स्तर, चांदी भी हुई महंगीHotel Sector: Q2 कमजोर रहा, ब्रोकरेज ने बताया- अब किस होटल स्टॉक में मिल सकता है बड़ा रिटर्न3-4 हफ्ते के लिए शेयरखान ने चुने ये 5 दमदार शेयर, चेक करें TGT, SL60 गुना बढ़े BFSI मार्केट में बैंकों की पकड़ क्यों ढीली पड़ी? मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में जवाब1 अप्रैल से पहले चारों नए श्रम कोड के नियम बन जाएंगे: श्रम सचिव

नोएडा में जीएसटी विभाग 10-15 साल पुराने मामलों में दे रहा नोटिस: उद्योग निकाय

उद्योगपतियों के अनुसार, जीएसटी विभाग ने बीते दो माह के अंदर 100 से अधिक व्यवसायों को नोटिस भेजा है।

Last Updated- December 14, 2024 | 2:56 PM IST
GST
Representative Image

गौतम बुद्ध नगर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग उद्योगपतियों को 10 से 15 वर्ष पुराने मामलों में नोटिस भेज रहा है। एक उद्योग निकाय ने यह दावा करते हुए कहा कि इससे व्यापारियों में रोष है। कई उद्यमियों का दावा है कि कर जमा न करने पर उनके बैंक खाते को सीज कर दिया गया है।

उद्योगपतियों के अनुसार, जीएसटी विभाग ने बीते दो माह के अंदर 100 से अधिक व्यवसायों को नोटिस भेजा है। इन नोटिस में 10 से 15 साल पुराने मामले में कर बकाया बताते हुए जुर्माने के साथ कर जमा करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कर जमा नहीं करने पर आगे कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

जीएसटी विभाग की कार्रवाई से उद्यमियों में रोष है। उद्योग संगठन नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव बी के सेठ ने बताया कि अब उद्यमियों के पास 10 से 15 साल पुराने मामले के दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे में वे कैसे साबित करें कि उन्होंने कर जमा कर दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, ”विभाग अपने दस्तावेजों को ठीक से नहीं रखता है और उद्यमियों को नोटिस भेज कर परेशान कर रहा है। कुछ फैक्टरी मालिकों के बैंक खाते भी सीज कर दिए गए हैं, जिसकी वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई है।”

सेठ ने कहा कि जीएसटी विभाग के आयुक्त और अपर आयुक्त के समक्ष उद्यमियों की परेशानी को रखा जाएगा।

First Published - December 14, 2024 | 2:56 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट