US Green card Review order: ट्रम्प प्रशासन ने अधिक जोखिम वाले देशों (countries of concern) से आए उन सभी प्रवासियों के ग्रीन कार्ड की तत्काल दोबाना समीक्षा का आदेश दिया है। वॉशिंगटन डीसी में एक अफगान मूल के व्यक्ति द्वारा दो नेशनल गार्ड सदस्यों पर गोलीबारी के बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया है। इस हमले में एक नेशनल गार्ड की मौत हो गई है।
USCIS (यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) के निदेशक जोसेफ एडलो ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने निर्देश दिया है कि 19 हाई रिस्क देशों से आने वाले सभी प्रवासियों के ग्रीन कार्ड की “पूर्ण और सख्त जांच” की जाए। यह निर्देश 27 नवंबर 2025 से लंबित और नए दाखिल सभी आवेदनों पर लागू होगा।
एडलो ने कहा कि अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अमेरिकी जनता को पिछले प्रशासन की गैरजिम्मेदार पुनर्वास नीतियों की कीमत नहीं चुकानी चाहिए।
अमेरिका अब अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और यमन से आने वाले ग्रीन कार्ड आवेदकों पर “नेगेटिव, कंट्री-स्पेसिफिक फैक्टर्स” को ध्यान में रखकर फैसला लेगा। ये वही देश हैं जिन्हें ट्रंप ने जून 2025 के अपने नेशनल सिक्योरिटी प्रोक्लेमेशन में प्रतिबंधित सूची में रखा था।
अफगान मूल के रहमानुल्लाह लाकनवल (29) ने बुधवार को व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी की, जिसमें स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम (200) की बाद में मौत हो गई। स्टाफ सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ (24) अभी भी गंभीर हालत में हैं। लाकनवल 2021 में तालिबान कब्जे के बाद बाइडेन प्रशासन के ‘Operation Allies Welcome’ कार्यक्रम के तहत अमेरिका आया था। जांच में सामने आया कि वह वॉशिंगटन स्टेट में पत्नी और 5 बच्चों के साथ रहता था और लगभग 3,000 मील ड्राइव करके हमले के लिए DC पहुंचा।
फेडरल एजेंसियों ने इसे “आतंकी हमला” मानते हुए बड़ी जांच शुरू की है। लाकनवल अफगानिस्तान की CIA समर्थित एलीट काउंटर-टेरर यूनिट में काम कर चुका था। CIA डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ ने कहा, “उसे उसके CIA सहयोग के कारण अमेरिका लाया गया था।” लेकिन अब प्रशासन संकेत दे रहा है कि अफगान सहयोगियों के वीज़ा और इमिग्रेशन स्टेटस को रद्द भी किया जा सकता है।
अफगान प्रवासियों की सहायता करने वाली संस्था AfghanEvac का कहना है कि अफगान सहयोगियों का अमेरिका आने से पहले दुनिया की सबसे कड़ी सुरक्षा जांच होती है। उन्होंने इस घटना का राजनीतिक इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी।
अमेरिकी जमीन पर नेशनल गार्ड के जवानों पर हमले की यह असाधारण घटना ट्रंप प्रशासन द्वारा अपराध नियंत्रण के नाम पर नेशनल गार्ड की बड़े पैमाने पर तैनाती को लेकर उठ रहे सवालों के बीच हुई। फिलहाल करीब 2,200 सैनिक वाशिंगटन में तैनात हैं। एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए संदिग्ध को भी गोली लगी है लेकिन ऐसा बताया गया है कि उसकी चोट जानलेवा नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)