facebookmetapixel
सोने की कीमतों में नरमी, चांदी सुस्त शुरुआत के बाद सुधरी; चेक करें MCX पर आज का भावडिजिटल बाजार में बवाल! वित्त समिति ने सरकार से मांगी कार्रवाई रिपोर्टकेंद्र से गेहूं का 140 प्रतिशत अधिक स्टॉक रखने का अनुरोधजयशंकर का बड़ा दावा: ग्लोबल साउथ को भूख, उर्वरक और ऊर्जा संकट से बचाने के लिए अब कदम उठाना जरूरीहर 10 में से 4 रूफटॉप सोलर आवेदन हुए खारिज, सिबिल स्कोर बना बड़ी वजहपीयूष गोयल का बड़ा दावा: अमेरिका के साथ ईंधन व्यापार बढ़ाकर भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगीशिप निर्माण और समुद्री इकोसिस्टम को नई रफ्तार, केंद्र ने शुरू की मेगा योजनामीशो-फ्लिपकार्ट पर त्योहारी बिक्री में तूफान! छोटे शहरों से 70% ऑर्डर, रिकॉर्ड ग्राहक संख्यारूस से कच्चे तेल का आयात सितंबर में बढ़ने की संभावनाविराट कोहली फिर बने भारत के सबसे मूल्यवान सेलेब्रिटी; रणवीर और शाहरुख भी टॉप पर

GST कटौती से सौर पंप होंगे सस्ते, किसानों को सालाना 1,750 करोड़ का लाभ: प्रह्लाद जोशी

GST: सरकार ने हाल में नवीकरणीय उपकरणों जैसे हरित हाइड्रोजन पैदा करने के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रोयूजर पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया।

Last Updated- September 20, 2025 | 11:41 AM IST
Pralhad Joshi
Union Minister Pralhad Joshi

नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज बताया कि अभी वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) की दरों को युक्तिसंगत बनाने से किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे पीएम-कुसुम के तहत सौर पंपों खरीदने की लागत में सालाना 1,750 करोड़ रुपये की कमी आएगी।

सरकार ने हाल में नवीकरणीय उपकरणों जैसे हरित हाइड्रोजन पैदा करने के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रोयूजर पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया। जोशी ने बताया, ‘इन सुधारों से किसानों और आम लोगों के लिए सौर परियोजनाएं जैसे पीएम सूर्य घर और पीएम-कुमुस अधिक किफायती हो जाएंगी। जीएसटी कम होने से किसानों के लिए सौर पंप की लागत सालाना 1,750 करोड़ रुपये कम हो रही है। इसी तरह छत पर लगाई जाने वाली सौर प्रणाली की प्रत्येक इकाई का मूल्य 9,000 से 10,500 रुपये कम हो रहा है।’

मंत्री ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि भारत को 2030 तक 5 करोड़ टन हरित स्टील का निर्यात करने का लक्ष्य रखना चाहिए। कई देशों में कॉर्बन कर अपनाए जाने के बाद भारत की योजना में निर्यात बढ़ाने की जरूरत है।’ उन्होंने बताया, ‘सरकार वर्ष 2030 तक 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन करने का लक्ष्य कर रही है। अब हरित स्टील का उत्पादन संभव है और यह व्यापक स्तर पर संभव है। भारत सरकार नीतिगत मदद मुहैया कराने के लिए तैयार है।’

हरित स्टील में धातु का उत्पादन जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला का इस्तेमाल किए बिना किया जाता है। कोयला का इस्तेमाल नहीं करने से पर्यावरण के लिए हानिकारक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं
होता है।

First Published - September 20, 2025 | 11:41 AM IST

संबंधित पोस्ट