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अमेरिकी टैरिफ से भारत के कपड़ा उद्योग को फायदा, लेकिन महंगाई बन सकती है चुनौती

वियतनाम, चीन और बांग्लादेश को ऊंचे शुल्क से झटका, अमेरिकी बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद

Last Updated- April 03, 2025 | 11:35 PM IST
Textile Industry

विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले से भारत के कपड़ा उद्योग को फायदा होगा जबकि वियतनाम, बांग्लादेश और चीन जैसे उसके प्रतिस्पर्धियों को ऊंचे टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। लेकिन महंगाई के कारण अमेरिकी खरीदारों के मनोबल पर असर पड़ा तो मामला गड़बड़ा भी सकता है।

अगर व्यापार वार्ता के बाद कपास के आयात पर शुल्क समाप्त कर दिया जाए तो यह और ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। ट्रंप की घोषणा के अनुसार वियतनाम के कपड़ा निर्यात पर 46 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत और चीन पर 54 प्रतिशत शुल्क लगेगा। अन्य प्रमुख देश श्रीलंका (44 प्रतिशत) और कंबोडिया (49 प्रतिशत) भी प्रभावित हो सकते हैं। भारत को 27 प्रतिशत के जवाबी शुल्क का सामना करना पड़ेगा (व्हाइट हाउस के अनुसार जब ट्रंप ने कहा कि यह 26 प्रतिशत होगा)।

टेक्सपोर्ट इंडस्ट्रीज के नरेन गोयनका ने कहा, ‘ये शुल्क बहुत ज्यादा हैं। इससे मुद्रास्फीति की रफ्तार और कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे खरीदारी में कमी आएगी। अगर परिस्थितियां ऐसी ही रहीं तो भारत को लंबी अवधि में फायदा होगा।’ एक उद्योग विश्लेषक के अनुसार ट्राइडेंट, वेलस्पन इंडिया, अरविंद, केपीआर मिल, वर्धमान, पेज इंडस्ट्रीज, रेमंड और आलोक इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां फायदे में रहेंगी क्योंकि अमेरिकी बाजार से राजस्व में उनकी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से 60 प्रतिशत के बीच है।

अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के पूर्व अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि 10 प्रतिशत टैरिफ के साथ तुर्की और ब्राजील भी अमेरिकी खरीदारों के लिए आदर्श गंतव्य बन सकते हैं। इसके अलावा, कुछ परिधान ऑर्डर इटली, जर्मनी और स्पेन भी जा सकते हैं जहां 20 प्रतिशत टैरिफ है।

कोयंबटूर के उद्योग संगठन इंडियन टैक्सप्रेन्योर्स फेडरेशन के संयोजक प्रभु दामोदरन ने कहा, अतीत में, भारत, बांग्लादेश और वियतनाम को कपास परिधान निर्यात के लिए इसी तरह के टैरिफ ढांचे का सामना करना पड़ा था। लेकिन हाल के बदलावों के साथ भारत की अब तुलनात्मक दृष्टि से इन प्रतिस्पर्धी देशों पर टैरिफ संबंधी बढ़त है जिससे परिधान निर्यात के लिए अमेरिकी बाजार में उसकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ सकती है।’
वर्ष 2024 के लिए टेक्स्टाइल शिपमेंट से

संबंधित अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार उसके कपड़ा आयात में चीन की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत यानी 36 अरब डॉलर थी। वियतनाम 15.5 अरब डॉलर (13 प्रतिशत हिस्सा) के कपड़ा आयात के साथ दूसरे स्थान पर है और भारत का योगदान 9.7 अरब डॉलर (8 प्रतिशत हिस्सा) का है।

अमेरिका के कपड़ा आयात में बांग्लादेश की हिस्सेदारी पहले ज्यादा थी। लेकिन 2024 में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण इसकी हिस्सेदारी 6 प्रतिशत घटकर 7.49 अरब डॉलर रह गई। 2024 में अमेरिका में कुल कपड़ा आयात 107.72 अरब डॉलर था। तमिलनाडु स्पिनिंग मिल्स एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार के वेंकटचलम ने कहा, ‘यदि भारत कपास पर आयात शुल्क 11 फीसदी से घटाकर शून्य करता है तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा। अब फैसला भारत को लेना है।’

First Published - April 3, 2025 | 11:35 PM IST

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