IndiGo ने वर्ष 2030 तक विमानों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। निवेशकों को भेजी जानकारी के अनुसार एयरलाइन के विमानों की संख्या जहां वर्ष 2026 में 100 थी, वहीं अब यह 300 पर पहुंच गई है।
IndiGo के पास मार्च 2016 तक 106 विमान थे, और उसने वित्त वर्ष 2019 तथा वित्त वर्ष 2020 में सर्वाधिक क्षमता वृद्धि दर्ज की। इन दो वर्षों में, एयरलाइन ने विमानों की संख्या में 58 और 45 का इजाफा किया। इस अवधि में जेट एयरवेज (अप्रैल 2019) भी बंद हुई थी, जिससे कोविड-19 संबंधित चुनौतियां दूर होने के बाद मांग को बढ़ावा मिला।
IndiGo ने वित्त वर्ष 2022 में विमानों की संख्या घटाई, क्योंकि उसने अपने बेड़े का पुनर्गठन किया और मैंटेनेंस खर्च तथा ईंधन खर्च में कमी लाने के लिए ज्यादा पुराने एयरबस ए320 विमानों को लौटाया। मार्च 2022 तक उसके बेड़े में 275 विमान थे, जबकि उससे पिछले साल में यह संख्या 285 थी। मार्च 2023 तक, विमानों की संख्या 304 थी, जबकि मौजूदा समय में कंपनी के बेड़े में 312 विमान शामिल हैं।
अगले सात साल में विमानों की संख्या दोगुनी कर 600 करने का मतलब होगा कि एयरलाइन हर साल 40 से ज्यादा विमान जोड़ेगी। इसके लिए एयरलाइन को अपनी इंजीनियरिंग एवं परिचालन क्षमताएं बढ़ानी होंगी।
IndiGo के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) पीटर एलबर्स ने कहा कि 500 विमानों के नए ऑर्डर से एयरलाइन को अपना भविष्य सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
विमानन करियर तलाशने को इच्छुक भारत की बड़ी युवा आबादी के संदर्भ में एलबर्स ने सोमवार को कहा, ‘आपको दीर्घावधि अवसरों से जुड़ी अल्पावधि चुनौतियों को नहीं भूलना चाहिए। हमारे पास अच्छे (पायलट) कैडेट प्रोग्राम हैं। हमें इस पर भर गर्व है कि दुनिया में सर्वाधिक प्रतिशत में महिला पायलट हमारे साथ हैं।’
उन्होंने कहा कि एयरलाइन घरेलू एयरक्राफ्ट मैंटेनेंस क्षमता का भी विकास कर रही है और उसने पिछले साल बेंगलूरु में अपना दूसरा एयरक्राफ्ट हैंगर खोला।