भारत के शहरी बाजारों में तो मजबूत वृद्धि देखी गई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कम आय वाले उपभोक्ताओं पर अधिक खाद्य महंगाई (Food inflation) का ज्यादा असर देखा गया है।
यूनिलीवर के मुख्य कार्याधिकारी एलन जोप ने दिसंबर तिमाही की आय की घोषणा के बाद एक बैठक में अपने निवेशकों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत का ग्रामीण बाजार मोटे तौर पर स्थिर है।
जोप ने निवेशकों को बताया ‘हमें ग्रामीण बाजार मोटे तौर पर स्थिर नजर आ रहा है। मूल्य के लिहाज से, कम मात्रा के साथ। लेकिन हमें इस बात का विश्वास है कि हम भारत में बाजार से आगे बढ़ना जारी रख सकते हैं’
यूनिलीवर के मुख्य वित्तीय अधिकारी ग्रीम पिटकेथली ने भी अपने निवेशकों को बताया कि यूनिलीवर के लिए अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की वृद्धि मजबूत रही, जो भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका से नियंत्रित थी।
जोप ने कहा कि तिमाही के दौरान भारत ने 15.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और दामों में 11.2 प्रतिशत तथा मात्रा में 3.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि व्यापक आधार पर हुई है।
देश में चाय खपत के संबंध में जोप ने कहा कि उपभोक्ताओं ने बहुत कम कीमत, कम मार्जिन वाली पाउडर चाय की ओर रुख किया है, जहां प्रतिस्पर्धा नहीं होती है। उन्होंने कहा कि महंगे वाले चाय खंड में हम हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं, लेकिन बाजार के भीतर बहुत कम कीमत वाली चाय की ओर रुख हो रहा है, जहां हम साफ तौर पर कोई मार्जिन नहीं दिखता और हम उसमें भाग नहीं लेना चाहते हैं।
पिछले महीने हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के दिसंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा करने के बाद एचयूएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी रितेश तिवारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दिसंबर तिमाही में ग्रामीण बाजारों में सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही में सितंबर तिमाही और पिछले 12 महीनों के मुकाबले अधिक वृद्धि की वजह से ग्रामीण बाजारों में सुधार के कुछ संकेत नजर आ रहे हैं। कम महंगाई, सर्दियों की जोरदार फसल बुआई और कृषि आय में तेजी के संकेतों के कारण इस बात की संभावना है कि ग्रामीण मंदी निचले स्तर पर है।