एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने पिछले सप्ताह कर्मचारियों को दिए अपने संबोधन का समापन इस आश्वासन के साथ किया था कि साल 2024 रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारत दोनों के लिए ही 2023 से बेहतर होगा। कई अन्य समूहों के प्रवर्तकों और उनके प्रतिनिधियों ने भी इसी तरह की आशा जताई है।
नए साल के लिए जोशपूर्ण उत्साह के अलावा उनके संदेशों में एक आम बात यह रही कि टेक्नॉलजी पर ध्यान केंद्रित किया गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक के कृत्तिवासन ने भी नए साल के संदेश में विकास जारी रखने और ग्राहकों के लिए प्रासंगिक बनने का आह्वान किया।
कृत्तिवासन ने कर्मचारियों को नए साल के अपने संदेश में कहा कि जेनेरिक आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (जेनएआई) प्रौद्योगिकियों के उभरने के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को विकास जारी रखना होगा और ग्राहकों के लिए प्रासंगिक बनना होगा।
उन्होंने 6,00,000 से ज्यादा कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा ‘यह देखकर हमेशा खुशी होती है कि अपने ग्राहकों के साथ हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं और वे हम पर कितना भरोसा करते हैं। भरोसे के साथ जिम्मेदारी भी आती है। अपने ग्राहकों के प्रति प्रासंगिक बने रहना और उन्हें भविष्य में सफल बनाने के लिए लगातार काम करना एक जिम्मेदारी है।’
उन्होंने कहा ‘हम ऐसा तभी कर सकते हैं, जब हम वक्त के साथ रफ्तार कायम रखें, विकास जारी रखें और खुद को सीखाते रहें।’ उन्होंने कहा कि साल 2023 विशेष था क्योंकि कंपनी ने उस वर्ष सभी कार्य दिवसों पर कर्मचारियों का कार्यालय में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जेनएआई की तेजी से प्रगति कारोबारी अवसर है।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पिछले सप्ताह नए साल के अपने संदेश में कहा ‘हालांकि निकट भविष्य में वैश्विक परिदृश्य अनिश्चितता से घिरा हुआ लगता है, लेकिन भारत का भविष्य उज्ज्वल है।’ सोमवार को एक संबोधन में महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि साल 2024 में ऐसे सभी संकेत हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को वह ‘कल्पित उड़ान’ हासिल करने की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसका हम दशकों से इंतजार कर रहे थे।
वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने अपने संबोधन में इसे ‘भारत के इतिहास में रोमांचक काल’ कहा। कई लोगों ने बीते वर्ष को संघर्ष भरा वर्ष बताया। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सोमवार को अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि यह पिछला साल असाधारण विरोधाभासों का दौर रहा है, जिसमें कुछ अनूठी चुनौतियों को कुछ अनूठे अवसरों के साथ जोड़ा गया है।