अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डेक में सूचीबद्ध होने के लिए बेसब्र भारतीय कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये कंपनियां वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी रहने के बावजूद नैस्डेक में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
नैस्डेक के उपाध्यक्ष माइकल गार्वर ओक्सली ने कहा, ”कई विदेशी कंपनियां एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए उत्साहित हैं। इनमें भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।”
वैसे, उन्होंने नैस्डेक में शामिल होने के लिए प्रयासरत विदेशी या भारतीय कंपनियों की संख्या का खुलासा नहीं किया।
ओक्सली अमेरिका में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों से संबद्ध ‘सरबान्स-ओक्सली एक्ट’ के सह-लेखक भी हैं।
इस बीच नैस्डेक के प्रबंध निदेशक (एशिया प्रशांत) घनश्याम दास का कहना है कि सभी क्षेत्रों की भारतीय कंपनियां सूची में शामिल होने के लिए संभावना तलाश रही हैं। उ
नके अनुसार इन भारतीय कंपनियों में सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि और रिटेल क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ”नैस्डेक में संभावित तौर पर सूचीबद्ध कराने के लिए हम कुछ कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन हम इनके नामों का खुलासा नहीं कर सकते।”
फिलहाल नैस्डेक में सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में आईटी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज और इंटरनेट कंपनियां रीडिफ डाट कॉम और सिफी टेक्नोलॉजीज प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इन्फोसिस और सिफी को 1999 में नैस्डेक में सूचीबद्ध किया गया वहीं रीडिफ को वर्ष 2000 में इस एक्सचेंज में जगह बनाने का मौका मिला।
नैस्डेक में फिलहाल 3100 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं जिनमें 35 देशों से यानी गैर-अमेरिकी कंपनियों की संख्या 335 है।