भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिकी दवा बाजार के लिए काफी बेकरार हैं, और यही वजह है कि कंपनियों ने अक्तूबर-दिसंबर 2007 की तिमाही में अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन (यूएस एफडीए) में सबसे ज्यादा आवेदन (ड्रग मास्टर फाइलिंग, डीएमएफ) इन्हीं के हैं ।
अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन में पिछली साल की आखिरी तिमाही में कुल 187 डीएमएफ हुए, जिनमें से 89 आवेदन भारतीय कंपनियों के थे। उद्योग जगत के सूत्रों और विश्लेषकों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 47.6 प्रतिशत आवेदक भारतीय कंपनियां ही थीं।
डीएमएफ बेहद गोपनीय और मालिक की संपत्ति होते हैं, जिन्हें अमेरिका के एफडीए को सौंपा जाता है, जिसमें उस दवा का फॉमूर्ला, प्रक्रिया, परीक्षण पध्दति और उत्पाद के निर्माण, पैकेजिंग और संयोजन के अन्य जरूरी आंकड़ों को बताया जाता है। अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन को भेजे गए चीनी कंपनियों के आवेदन 20 से भी कम थे।
विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय फार्मा कंपनियों की ओर से 2007 की आखिरी तिमाही में अमेरिका खाद्य और दवा प्रशासन के पास भेजे गए आवेदनों में रैनबैक्सी के 13 आवेदन थे, जबकि डॉ. रेड्डीज और अरबिंदो फार्मा ने 10-10 आवेदन जमा किए थे।
