भारत में 5G सेवा शुरू हुए साल भर ही हुआ है मगर इतने कम अरसे में भी भारत इस मोर्चे पर दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार हो गया है। केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरजीत दास गुप्ता को टेलीफोन पर साक्षात्कार में बताया कि अगले 12 महीनों में 5G सेवा के लिए सरकार की क्या प्राथमिकताएं हैं। प्रमुख अंश:
शुरू से ही हमारा ध्यान इस बात पर था कि देश में 5G सेवा का कितना अधिक विस्तार हो रहा है। हमें खुशी है कि एक साल में ही 3.60 लाख 5G साइट लग चुकी हैं। भारत इस उल्लेखनीय प्रगति के साथ ही चीन और अमेरिका के बाद 5G सेवा देने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश हो गया है।
हमने करीब-करीब हर जिले (कुल 766) में 5G सेवा पहुंचा दी है। हमें पूरा विश्वास है कि अगले एक साल में देश की सभी तहसील (करीब 5,600) भी 5G की जद में आ जाएंगी। इस तरह देश में 5G सेवा का विस्तार काफी बढ़ जाएगा।
हमने पहले वर्ष 2 लाख साइट लगाने का लक्ष्य तय किया था। उससे बहुत आगे निकलते हुए हम लगभग 3.60 लाख साइट लगा चुके हैं। दूसरे साल में देश में 4.30 लाख 5G सेल साइट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हमें उम्मीद है कि हम साल बीतने से पहले ही यह काम भी पूरा कर लेंगे।
अब 5G सेलफोन 15,000 रुपये से शुरू हो रहे हैं। मोबाइल फोन कंपनियां अब अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल 4G के बजाय 5G फोन बनाने में कर रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि 5G के शुल्क भी 4G की तरह ही हैं। मगर लोग लंबे समय तक एक ही फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। कुल मिलाकर 4G से 5G की ओर जाते लोग साफ दिख रहे हैं।
बीएसएनएल ने 4G टावर लगाने शुरू कर दिए हैं, जिनकी रफ्तार दीवाली के बाद बढ़ेगी। 4G का काम पूरा होने के बाद अगले साल बीएसएनएल 5G सेवा भी शुरू करेगी।
अभी यह पता करना मुश्किल है कि कौन-कौन 5G ग्राहक है क्योंकि लोग बिना किसी दिक्कत के 4G छोड़कर 5G अपना ले रहे हैं।
आईटीयू ने भारत 6G को स्वीकार कर लिया है। हमारे शोधकर्ता 6G तकनीक के लिए पेटेंट से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं। हमें लगता है कि भारत अगले 5 साल में 6G तकनीक के विकास एवं मानकों के लिहाज से आगे निकल जाएगा।