आने वाली गर्मी में एयरकंडीशनर व फ्रिज के दामों में बढ़ोतरी की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार की उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की लागत में वृध्दि होने व बजट के दौरान हुई घोषणाओं के बाद कंपनियों ने अगले महीने से इस प्रकार के उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी का मन बना लिया है।
कोरिया की कंपनी सैमसंग पहले ही रेफ्रिजेरेटर के मूल्य में 2 से 3 फसदी की बढ़ोतरी कर चुकी है। आगामी दिनों में बाजार में आने वाले नए उत्पाद बढ़े हुए दाम के साथ बाजार में उतरेंगे।
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की सबसे नामी कंपनी एलजी इंलेक्ट्रॉनिक्स व अप्लायंसेज के साथ गोदरेज अप्लाएंसेज की तरफ से भी इस प्रकार की वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे है।
माना जा रहा है कि बीते तीन महीनों के भीतर जिंस बाजार में आई तेजी के कारण इन वस्तुओं के बाजार में तेजी आ सकती है। निजी व सार्वजनिक दोनों ही प्रकार की स्टील कंपनियों ने स्टील के फ्लैट उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी की है।
खास करके टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु व ऑटोमोबाइल्स में इस्तेमाल होने वाले फ्लैट उत्पादों की कीमत बढ़ाई गई है। इसकी कीमत 2500 रुपये प्रतिटन से बढ़कर 3000 रुपये प्रतिटन हो गई है।
स्टील की घरेलू कीमत मे जनवरी से लेकर अबतक 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। गोदरेज अप्लाएंसेज के सेल्स व मार्केटिंग के उपाध्यक्ष कमल नंदी कहते हैं, फ्रिज, एयरकंडीशनर्स एवं वाशिंग मशीन की कीमतों में 3 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।
इन वस्तुओं की लागत में अधिकतम 8 फीसदी तक की बढ़त का अनुमान है। ऐसे में कंपनियां बहुत दिनों तक लागत में हो रही बढ़ोतरी के दबाव को नहीं झेल सकती है।
नंदी के मुताबिक गोदरेज को मूल्य बढ़ोतरी के मामले में ज्यादा फायदा होने वाला है। क्योंकि गोदरेज कंपनी ने दिसंबर महीने में भी मूल्य में बढ़ोतरी की थी।
ज्यादा समय तक ठंड होने के कारण गर्मी में इस्तेमाल होने वाली टिकाऊ वस्तुओं का स्टॉक भी काफी जमा हो गया है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के किचेन अप्लाएंसेज के प्रमुख अमिताभ तिवारी कहते हैं, ठंड का मौसम लंबा खींच जाने के कारण फ्रिज के बाजार में काफी गिरावट आ गई है।
अनुमान के मुताबिक इसके बाजार में 30 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसके कारोबार में काफी बढ़ोतरी की संभावना नजर नहीं आ रही है लेकिन उम्मीद है कि अप्रैल महीने से इसके बाजार में तेजी आ सकती है।
दूसरी ओर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के खरीदारों को इस बात की उम्मीद है कि बजट की घोषणा के बाद इन वस्तुओं की कीमत में कमी आएगी। लेकिन कंपनियां बजट में मात्र 2 फीसदी के उत्पाद शुल्क में कटौती से संतुष्ट नहीं है।
कंपनियों का मानना है कि सिर्फ इतनी सी राहत से लागत में कमी नहीं आएगी। इन उद्योगों को सरकार से इस बात की उम्मीद थी कि इनके उत्पाद शुल्क में 12 फीसदी तक की कटौती की जाएगी।
मुंबई स्थित एक कारोबारी के मुताबिक उत्पादकों को यह देखना होगा कि इन वस्तुओं पर कहां तक मूल्य में बढ़ोतरी जाए जो कि लागत की वृध्दि को समायोजित कर ले।