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IT कंपनियों में इस साल सैलरी में 3-6% की बढ़ोतरी, HR एक्सपर्ट्स का अनुमान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल IT सेक्टर का ऐट्रिशन रेट करीब 12-13% रहने का अनुमान है।

Last Updated- February 10, 2025 | 11:41 AM IST
salary- सैलरी
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भारत के $250 बिलियन के IT सेक्टर में वित्त वर्ष 2026 (FY26) के दौरान कर्मचारियों को 3-6 प्रतिशत के बीच सैलरी में मामूली बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है। HR एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब कंपनियों में ऐट्रिशन (नौकरी छोड़ने) की दर में तेजी देखी जा रही है, हालांकि टॉप IT कंपनियों ने Q3FY25 में अधिक टर्नओवर दर्ज किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल IT सेक्टर का ऐट्रिशन रेट करीब 12-13% रहने का अनुमान है।

Xpheno के को-फाउंडर कमल करंथ ने कहा, “ज्यादा सैलरी हाइक आमतौर पर रेवेन्यू ग्रोथ के पॉजिटिव आउटलुक का संकेत देती है। लेकिन इस समय के रेवेन्यू प्रदर्शन और रिकवरी के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए सैलरी हाइक 3% से 6% के बीच ही रहने की उम्मीद है।”

हाल ही में ग्लोबल अनिश्चितता और डिमांड में गिरावट के कारण कई कंपनियां परंपरागत सैलरी हाइक साइकिल से हट रही हैं। अब सैलरी बढ़ोतरी का पैटर्न बदलता दिख रहा है।

आईटी सेक्टर में जहां पहले अप्रैल-जून में सैलरी अपरेजल होता था, अब कई कंपनियों ने इसे सितंबर-अक्टूबर यानी तीसरी तिमाही में शिफ्ट कर दिया है।
कुछ हाई-परफॉर्मिंग एम्प्लॉइज को अच्छी सैलरी हाइक मिल सकती है, लेकिन Karanth का कहना है कि ज्यादातर एम्प्लॉइज को महंगाई के हिसाब से मॉडरेटेड हाइक के लिए तैयार रहना चाहिए।

भारत की सबसे बड़ी IT सर्विस कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने FY26 के लिए अपनी वार्षिक अप्रेजल साइकिल शुरू कर दी है। कंपनी उन कुछ चुनिंदा प्लेयर्स में से है, जो अभी भी पारंपरिक टाइम फ्रेम को फॉलो कर रही है। FY25 में कंपनी ने एवरेज 7-8% की सैलरी हाइक दी थी, जबकि टॉप परफॉर्मर्स को डबल डिजिट में बढ़ोतरी मिली थी।

अप्रेजल प्रोसेस शुरू होने पर कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।

Infosys ने FY25 के लिए सैलरी हाइक दो फेज में की है। जूनियर कर्मचारियों को जनवरी 2025 में ही इंक्रीमेंट मिल चुका है, जबकि बाकी कर्मचारियों को अप्रैल में सैलरी हाइक मिलेगा। कंपनी के CFO ने बताया कि भारत में औसतन सैलरी हाइक 6-8% के बीच रहने वाला है।

Xpheno के डेटा के मुताबिक, IT सेक्टर में हायरिंग की रफ्तार अब भी धीमी है। सितंबर-अक्टूबर 2024 में थोड़ी रिकवरी जरूर दिखी थी, लेकिन अब एक बार फिर डिमांड सुस्त हो गई है।

IT सेक्टर में फिलहाल एक्टिव जॉब्स की संख्या 1.22 लाख से थोड़ी ज्यादा है, जो बीते चार हफ्तों के अंदर की डिमांड को दर्शाती है। हालांकि, IT सर्विसेज इंडस्ट्री अभी भी टैलेंट की डिमांड में पूरी तरह से रिकवरी की स्थिति में नहीं पहुंची है।

जुलाई 2022 से लेकर अब तक, इस सेक्टर में एक्टिव डिमांड ने महीने में कभी भी 1 लाख का आंकड़ा पार नहीं किया है। ये वो समय था जब IT इंडस्ट्री में स्लोडाउन शुरू हुआ था। महामारी के बाद जब हायरिंग में उछाल आया था, उस दौरान IT सेक्टर में हर महीने 1.40 लाख से 1.50 लाख जॉब्स की डिमांड हुआ करती थी।

सभी IT कंपनियों ने फिलहाल सावधानी भरा रुख अपनाया हुआ है। इनका मुख्य ध्यान कॉस्ट कंट्रोल और टैलेंट रिटेंशन पर है। TeamLease Digital के वाइस-प्रेसिडेंट Krishna Vij ने कहा, “ज्यादातर IT सर्विस कंपनियां सिलेक्टिव पे हाइक की ओर देखेंगी और फिक्स्ड सैलरी हाइक के बजाय वेरिएबल पे पर ज्यादा ध्यान देंगी। ये हाइक खासतौर पर हाई परफॉर्मर्स को टारगेट करेंगे ताकि बेस्ट टैलेंट को रिटेन किया जा सके।”

एक्सपर्ट्स ने बताया कि बीते कुछ तिमाहियों में अट्रिशन रेट में धीमी और हल्की बढ़त का मतलब यह नहीं है कि मार्केट में डिमांड के कारण यह बढ़ेगा।

TCS ने Q3 FY25 में 13% का अट्रिशन रेट रिपोर्ट किया, जबकि इस दौरान कंपनी के हेडकाउंट में 5,000 की गिरावट आई। वहीं, Q2 FY25 में TCS का अट्रिशन रेट 12.3% था।

इंफोसिस में Q3 FY25 के दौरान एट्रिशन 13.7 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पिछली तिमाही के 12.9 प्रतिशत से ज्यादा है।

बेंगलुरु बेस्ड विप्रो का एट्रिशन भी बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया, जो पिछली तिमाही में 14.5 प्रतिशत था। विप्रो की हेडकाउंट में भी 1,157 की गिरावट आई। वहीं, एचसीएलटेक का एट्रिशन 13.2 प्रतिशत तक पहुंच गया।

एचआर एक्सपर्ट्स का कहना है कि एट्रिशन से जुड़ा टैलेंट एक्शन आमतौर पर सैलरी में बढ़ोतरी का कारण नहीं बनता, जब तक कि ये खास टैलेंट को रोकने के लिए न किया जाए। मौजूदा मार्केट कंडीशन में रिटेंशन के लिए नई हायरिंग काफी कम ही देखने को मिलेगी।

Karanth का कहना है कि फिलहाल टैलेंट को लेकर कंपनियों में कोई बड़ी खींचतान नहीं चल रही है, इसलिए उन्हें नए लोगों को हायर करने या मौजूदा टैलेंट को रोकने के लिए ज्यादा सैलरी हाइक देने की जरूरत नहीं पड़ रही है।

कंपनियों में होने वाली सैलरी हाइक हमेशा सेक्टर की परफॉर्मेंस और उसके नेट ग्रोथ आउटलुक से जुड़ी होती है।

इसका उदाहरण ये है कि कई कंपनियों में वेरिएबल पे स्लो डिमांड की वजह से प्रभावित हो रहा है। TCS में सीनियर एग्जीक्यूटिव्स का वेरिएबल पे 20-30% तक कट गया है। वेरिएबल पे का सीधा कनेक्शन कंपनी और बिजनेस यूनिट की परफॉर्मेंस से होता है।

भारतीय IT सेक्टर में इन दिनों हायरिंग और सैलरी हाइक्स को लेकर सावधानी बरती जा रही है। ऐसे में कर्मचारियों को अपनी उम्मीदों को थोड़ा कम करना पड़ सकता है।

एक IT कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ने कहा, “हम सब जानते हैं कि कुछ सेक्टर्स जैसे फाइनेंशियल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग दबाव में हैं। अगर किसी बिजनेस यूनिट का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा तो 100% वेरिएबल पे कैसे मिल सकता है। इसमें कटौती की जाएगी।”

TCS के जूनियर कर्मचारियों को 100% वेरिएबल पे आउट मिला है। जिन कर्मचारियों को नहीं मिला, उनके लिए मुख्य कारण अटेंडेंस और परफॉर्मेंस बताया गया है।

इस बीच, इंडस्ट्री में हाई परफॉर्मर्स को तो इन्क्रीमेंट्स मिलेंगे, लेकिन ओवरऑल सैलरी एडजस्टमेंट्स काफी मॉडरेट रहेंगे। ये बदलाव मौजूदा इकोनॉमिक कंडीशंस और इंडस्ट्री आउटलुक को दर्शाते हैं।

First Published - February 10, 2025 | 11:41 AM IST

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