सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के सर्वे से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कैजुअल या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की भर्ती में 44.3 प्रतिशत और ठेके के कर्मचारियों की भर्ती में 7 प्रतिशत की कमी आई है। इस दौरान अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई थी।
वित्त वर्ष 2020-21 में करीब 29,273 कैजुअल या दैनिक वेतन पर काम करने वालों को सीपीएसई में रोजगार मिला, जबकि वित्त वर्ष 20 में 52,553 लोगों को काम मिला था। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी वित्त वर्ष 20 के 5,16,657 की तुलना में घटकर वित्त वर्ष 21 में 4,81,395 रह गई। कुल 389 पीएसयू में वित्त वर्ष 21 में 1.37 करोड़ कर्मचारी थे, जो वित्त वर्ष 20 के कुल 1.48 करोड़ कर्मचारियों की तुलना में कम हैं।
देश में कोविड 19 के मामले बढ़ने के कारण केंद्र सरकार को विश्व का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाना पड़ा था। इसकी वजह से श्रमिक अपने पैतृक स्थानों को लौट गए थे क्योंकि उनके पास काम और रोजगार नहीं था।
विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन और उसकी वजह से कारोबारी गतिविधियां ठहर जाने से संभवतः सरकारी कंपनियों में भी भर्ती की गतिविधियों में कमी आई। शहरों से बड़े पैमाने पर मजदूरों का पलायन होने से भी मजदूरों की कमी हो गई, जब कारोबारी गतिविधियां बहाल हुईं। कोविड-19 के कारण पैदा हुई अनिश्चितता की वजह से कामगार शहर में वापस काम पर लौटने को लेकर हतोत्साहित हुए।
पिछले महीने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आवर्ती श्रमबल सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कोरोनावायरस महामारी के कारण शहरी भारत के 51.6 प्रतिशत पुरुषों को अपने गांवों की ओर पलायन करना पड़ा था, जो देश का सबसे बुरा पलायन था।
वित्त वर्ष 20 में जब 1,50,304 नियमित कर्मचारी कम हुए थे, केंद्र ने इसके लिए आंशिक रूप से कैजुअल कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी को वजह बताई थी। वित्त वर्ष 21 में नियमित कर्मचारियों, कैजुअल कर्मचारियों और ठेके के कर्मचारी क्रमशः 48,840, 23,280 और 35,262 कम हुए हैं।
वित्त वर्ष 21 में सबसे ज्यादा 3,16,967 कर्मचारियों को कोयला क्षेत्र के पीएसयू में रोजगार मिला है, जबकि पेट्रोलियम (रिफाइनरी और मार्केटिंग) और भारी व मझोले इंजीनियरिंग में नौकरी करने वालों की संख्या क्रमशः 2,14,895 और 1,42,547 है। सबसे कम कर्मचारी कृषि क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यम में हैं, जिनकी संख्या 2,467 है।
छोटे कारोबारों से खरीद में 11 प्रतिशत इजाफा
निकुंज ओहरी
नई दिल्ली
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से सार्वजनिक खरीद वित्त वर्ष 2020-21 में सालाना आधार पर तकरीबन 11 प्रतिशत बढ़कर 41,699 करोड़ रुपये हो गई। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है।
वित्त वर्ष 20 में छोटे कारोबारों से की गई 37,680 करोड़ रुपये की खरीद के मुकाबले इसमें इजाफा हुआ है। हालांकि सर्वेक्षण के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सामूहिक रूप में सरकार द्वारा छोटे कारोबारों से 25 प्रतिशत की अनिवार्य न्यूनतम वार्षिक खरीद मुश्किल से ही पूरी कर पाए।
वित्त वर्ष 21 के दौरान सार्वजनिक उपक्रमों ने सामूहिक रूप से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से अपनी 24.9 प्रतिशत वार्षिक खरीद की। वित्त वर्ष 21 में सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल 1.67 लाख करोड़ रुपये की खरीद की।