स्टाफिंग और भर्ती सेवा कंपनी रैंडस्टैड ने गुरुवार को बताया कि दुनियाभर में बढ़ती छंटनी और भर्तियां रुकने के बावजूद भारत में स्थिर भौगोलिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति के कारण 2023 में तकनीकी कंपनियां भारी भर्ती करने वाली है।
रैंडस्टैंड इंडिया के प्रोफेशनल सर्च ऐंड सेलेक्शन ऐंड स्ट्रैटजिक अकाउंट मैनेजमेंट के निदेशक संजय शेट्टी ने कहा, ‘हालांकि लागत भी इस निर्णय का एक कारण है लेकिन भारत की स्थिर भौगोलिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है। ये संगठन भारत में निवेश करना चाहते हैं। इन रुझानों को देखते हुए वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में विशेष रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अच्छी भर्ती को लेकर हम आशान्वित हैं। निष्कर्ष 600 तकनीकी कंपनियों के एक सर्वेक्षण पर आधारित थे।
स्टाफिंग कंपनी टीमलीज के अनुसार, कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से सिर्फ स्टार्टअप ने 23,000 से अधिक लोगों को नौकरी से हटा दिया है। 2022 की दूसरी छमाही में मेटा, ट्विटर, एमेजॉन और ऐपल सहित कई तकनीकी दिग्गजों द्वारा नौकरी में कटौती की घोषणा ने समस्या को और बढ़ा दिया है। सर्वे में कहा गया है कि छंटनी के बावजूद प्रासंगिक कौशल वाले लोग भी नई नौकरी पा सकते हैं।
शेट्टी ने कहा, ‘हालांकि, हमने कुछ बड़े संगठनों में कुछ हद तक छंटनी देखी है, लेकिन यह भी सच है कि नौकरी से निकाले गए प्रासंगिक कौशल वाले उम्मीदवारों को आसानी से भारत में रोजगार के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सर्वे में शामिल अधिसंख्य कंपनियां रुकें और देखें वाली स्थिति में हैं और उन्होंने अस्थायी रूप से भर्तियां कम कर दी हैं।
भारत का आईटी उद्योग पश्चिम देशों की मंदी के प्रभाव से बहुत सुरक्षित है। शेट्टी ने कहा, ‘पश्चिम देशों में रोजगार परिदृश्य के बावजूद, भारत समग्र रूप से रोजगार प्राप्त करने वाला बनने जा रहा है और दुनिया में सबसे आकर्षक रोजगार स्थलों में से एक होने की ओर अग्रसर है।’