facebookmetapixel
GST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्सभारतीय IT कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका! आउटसोर्सिंग रोकने पर विचार कर रहे ट्रंप, लॉरा लूमर का दावाये Bank Stock कराएगा अच्छा मुनाफा! क्रेडिट ग्रोथ पर मैनेजमेंट को भरोसा; ब्रोकरेज की सलाह- ₹270 के टारगेट के लिए खरीदेंपीएम मोदी इस साल UNGA भाषण से होंगे अनुपस्थित, विदेश मंत्री जयशंकर संभालेंगे भारत की जिम्मेदारीस्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्ज

GST Rate Cut: जीएसटी घटने से फायदे में रहेंगी सीमेंट कंपनियां, ग्राहकों को मिल सकता है लाभ

सीमेंट की मांग आमतौर पर कीमतों के प्रति लचीली नहीं होती। लेकिन इस कटौती से खुदरा कीमतें लगभग 25-30 रुपये प्रति कट्टा कम हो जाएंगी।

Last Updated- September 04, 2025 | 10:33 PM IST
Cement industry

GST Rate Cut: सीमेंट पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 28 फीसदी से घटाकर 18 प्रतिशत करने के सरकार के फैसले का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि इस कदम से मध्यम से लंबी अवधि में लाभप्रदता में सुधार होगा। हालांकि उपभोक्ताओं को लाभ दिए जाने से अल्पावधि में मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) सोहराब बरारिया ने कहा, तात्कालिक तौर पर मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है क्योंकि कंपनियां अधिकांश कर लाभ खरीदारों को दे देती हैं, जिससे उनकी मूल्य निर्धारण क्षमता सीमित हो जाती है। हालांकि बेहतर वॉल्यूम और बेहतर क्षमता उपयोग से लाभप्रदता में सुधार की उम्मीद है।

सीमेंट की मांग आमतौर पर कीमतों के प्रति लचीली नहीं होती। लेकिन इस कटौती से खुदरा कीमतें लगभग 25-30 रुपये प्रति कट्टा कम हो जाएंगी। अगस्त 2025 में अखिल भारतीय औसत कीमत 372 रुपये प्रति कट्टा थी। जेएम फाइनैंशियल ने कहा, निकट भविष्य में इसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना होगा। हालांकि हम इस कदम को संरचनात्मक रूप से सकारात्मक मानते हैं। धीरे-धीरे बढ़ती मांग और उद्योग की मूल्य वृद्धि को सहन करने की क्षमता से इसे मजबूती मिली है।

मिरे ऐसेट शेयरखान के विश्लेषक अक्षय शेट्टी ने कहा, मांग पर असर मामूली रहेगा। वृद्धि मुख्य रूप से सरकारी और निजी पूंजीगत खर्च से ही आएगी। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को लाभ दिए जाने से निकट भविष्य में मार्जिन सिकुड़ सकता है, लेकिन समय के साथ बढ़ती बिक्री से इसकी भरपाई हो सकती है।

जेफरीज के विश्लेषकों ने कहा, उद्योग के मूल्य निर्धारण पर नजर रहेगी क्योंकि अतीत में इस क्षेत्र के मूल्य निर्धारण व्यवहार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। हमारा मानना ​​है कि उद्योग के मूल्य निर्धारण से लाभप्रदता को मध्यम अवधि में फायदा हो सकता है।

कटौती से पहले कंपनियों ने कीमतें बढ़ाने की योजना बनाई थी। लेकिन कम मांग के कारण उन्हें डीलरों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। तत्काल इस पर अमल के साथ उन्हें मांग में सुधार का इंतजार करना होगा। पीएल कैपिटल के विश्लेषकों का कहना है कि कम कीमतें खुद से अपना घर बनाने वालों की मांग को बढ़ावा देंगी, जिनकी बिक्री में लगभग 30-32 फीसदी भागीदारी है। सीमेंट अकेले घर निर्माण लागत का 12 से 14 फीसदी होता है जिससे इस क्षेत्र में लाभ ज्यादा नजर आ रहा है।

अगर मांग बढ़ती है तो अतिरिक्त क्षमता और मजबूत ग्रामीण नेटवर्क वाले उद्योग के अग्रणी जैसे अल्ट्राटेक सीमेंट, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स, जेके लक्ष्मी सीमेंट, रामको सीमेंट और बिड़ला कॉरपोरेशन को लाभ मिलने के लिहाज से बेहतर स्थिति में माना जा रहा है।

एंबिट कैपिटल के विश्लेषकों ने कहा, सीमेंट जैसी वस्तुओं पर कर में कमी का फायदा आमतौर पर ग्राहकों को दिया जाता है क्योंकि कंपनियां कीमतें स्थिर रखने के बजाय एबिटा पर ध्यान केंद्रित करती हैं। सरकार एक प्रमुख सीमेंट खरीदार है और वह भी उम्मीद करेगी कि कंपनियां जीएसटी में कटौती का लाभ ग्राहकों को दें क्योंकि उसे स्वयं कर राजस्व में कमी का सामना करना पड़ रहा है।

सीमेंट निर्माता संघ (सीएमए) ने भी इस कदम का स्वागत किया है। श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक और सीएमए अध्यक्ष नीरज अखौरी ने कहा, यह कर ढांचे को सरल बनाने की दिशा में प्रगतिशील कदम है। उन्होंने कहा कि इससे सीमेंट पर स्टील और अन्य कच्चे माल की तुलना में अधिक कर लगने की विसंगति दूर हो गई है और इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तथा आवास एवं बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

First Published - September 4, 2025 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट