सरकार ने हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि ग्लाइफोसेट (Glyphosate) का इस्तेमाल सिर्फ कीट नियंत्रण ऑपरेटरों (पीसीओ) के माध्यम से ही करने की अधिसूचना अगले आदेश तक लागू नहीं की जाएगी। न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथि 7 दिसंबर तय की है।
कुछ दिन पहले यह मामला न्यायालय में सुनवाई के लिए आया था, उसके बाद केंद्र ने इस मामले में 4 महीने के स्थगन की मांग की थी और कहा था कि अधिसूचना की समीक्षा चल रही है।
इसमें यह भी कहा गया है कि न्यायालय में सरकार ने नवंबर 2022 में जो कहा था, उसके मुताबिक ग्लाइफोसेट की अधिसूचना को 3 महीने के लिए टाला गया है, इसकी अवधि अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी गई है।
पिछले साल नवंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी, जिसमें ग्लाफोसेट का इस्तेमाल सिर्फ पीसीओ तक सीमित था। न्यायालय ने केंद्र को अपने फैसले की समीक्षा करने और सभी हिस्सेदारों से बात कर इसका समाधान निकालने को कहा था।
मनुष्यों और पशुओं की सेहत को नुकसान होने के डर से ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल औपचारिक रूप से सीमित किए जाने को लेकर उद्योग संगठनों ने आपत्ति जताई थी, उसके बाद न्यायालय का फैसला सामने आया।
भारत में चाय के बागानों में कीट नियंत्रण के लिए ग्लाइफोसेट का ज्यादातर इस्तेमाल होता है। अनचाही वृद्धि पर काबू पाने के लिए भी गैर-फसली इलाकों में ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल होता है।