विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक संसाधन कंपनियों में शामिल ग्लेनकोर इंटरनैशनल एजी ने वेदांत समूह की नियंत्रक कंपनी वेदांत रिसोर्सेज (VRL) को 25 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। इस कर्ज के लिए वीआरएल की सूचीबद्ध सहायक कंपनी वेदांत लिमिटेड में 4.4 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी गई है।
1974 में स्थापित स्विट्जरलैंड स्थित मुख्यालय वाली ग्लेनकोर कई भौगोलिक क्षेत्रों में अरबपति अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाले वेदांत समूह की खनन और प्राकृतिक संसाधनों की प्रतिस्पर्धी है। वीआरएल इस आय का इस्तेमाल बुधवार को बॉन्ड बकाया चुकाने के लिए करेगी।
ग्लेनकोर के इस ऋण निवेश को ‘आखिरी वक्त पर मदद’ करार देते हुए विश्लेषकों का कहना है कि समूह मौजूदा संकट से निपटने में सक्षम होगा।
क्रेडिटसाइट्स के वरिष्ठ विश्लेषक लक्ष्मणन ने कहा कि हम वित्त वर्ष 24 में वीआरएल के 4.1 अरब डॉलर के बकाया ऋण के संबंध में पुनर्वित्त के जोखिम से अवगत हैं, जिसके लिए वीआरएल को 2.1 अरब डॉलर के पुनर्वित्त के लिए काफी हद तक बाहर से रकम का इंतजाम करने और फंडिंग का अंतर पाटने के लिए अतिरिक्त 95 करोड़ डॉलर के इंतजाम पर निर्भर रहना होगा।
वीआरएल की हालिया ऋण कटौती और पैसा जुटाने के ताजा प्रयासों के मद्देनजर 2.1 अरब डॉलर की रकम का इंतजाम करने में कामयाब रहने से इस बिंदु पर हमारा झुकाव अब भी वीआरएल की ओर रहेगा और हमें लगता है कि वीआरएल के लिए रकम जुटाने के विभिन्न वैकल्पिक मार्ग खुले हुए हैं – जैसे शेयर गिरवी रखना और कुछ लाभांश अपस्ट्रीमिंग।
ग्लेनकोर ने टिप्पणी का अनुरोध अस्वीकार कर दिया। मुंबई के एक विश्लेषक ने कहा कि ग्लेनकोर का यह ऋण ‘महत्त्वपूर्ण’ है और यह इस यूरोपीय कंपनी के लिए भारत की परिसंपत्ति में हिस्सेदारी खरीदने का संकेत हो सकता है। विश्लेषक ने कहा कि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि समूह पुराने कर्ज चुकाने के लिए किस तरह रकम जुटाता है।
समझौते के अनुसार वीआरएल को अपनी सहायक कंपनियों – वेस्टग्लोब, रिक्टर होल्डिंग और फिनसाइडर इंटरनैशनल कंपनी (FICL) की तरफ से ‘निश्चित कार्रवाई’ प्रदान करने की जरूरत है। वीआरएल, वेस्टग्लोब, रिक्टर और एफआईसीएल वेदांत लिमिटेड के प्रवर्तक समूह की सदस्य हैं।
वेस्टग्लोब और रिक्टर द्वारा एफआईसीएल के जारी किए गए सभी शेयरों के संबंध में ग्लेनकोर के पक्ष में शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके बाद एफआईसीएल में प्रवर्तक कंपनियों के पास रखे गए किसी भी शेयर को बेचने, स्थानांतरित करने या निपटान करने के संबंध में उन पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं।
मंगलवार को वेदांत का बाजार मूल्यांकन 1.06 लाख करोड़ रुपये था। 25 मई को वेदांत ने कहा था कि उसने रकम का इंतजाम करने के लिए हिंदुस्तान जिंक में अपनी 64.5 प्रतिशत की तकरीबन पूरी हिस्सेदारी गिरवी रख दी है।