ठेके पर सामान बनाने वाली ताइवान की नामी कंपनी फॉक्सकॉन भारत में दो फैब संयंत्र लगाने के लिए आवेदन की योजना बना रही है। इनमें एक गैलियम नाइट्राइड से बनने वाले कंपाउंड सेमीकंडक्टर का कारखाना होगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक वाहनों और दूरसंचार में व्यापक तौर पर इस्तेमाल होने वाले चिप बनाए जाएंगे। दूसरा सिलिकन से चिप बनाने वाला फैब संयंत्र होगा।
फॉक्सकॉन के अधिकारियों के साथ बातचीत की जानकारी रखने वाले सरकारी सूत्रों ने कहा कि कंपनी 14 नैनोमीटर, 18 नैनोमीटर और 40 नैनोमीटर के चिप बनाने की संभावना तलाश रही है। हालांकि अभी मामला पक्का नहीं हुआ है मगर फॉक्सकॉन अपने साथ ताइवान की एक फैब कंपनी को तकनीकी भागीदार या संयुक्त उपक्रम साझेदार बना सकती है।
हर साल 40 अरब डॉलर के चिप खरीदती है Foxconn
कंपनी भारत में बनने वाले चिप खुद ही खरीदने की गुंजाइश भी देख रही है। फॉक्सकॉन दुनिया भर में ठेके पर विनिर्माण की अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए हर साल 40 अरब डॉलर के चिप खरीदती है।
फॉक्सकॉन के कारखानों से चिप की मांग और भी बढ़ सकती है क्योंकि कंपनी दूसरी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण भी शुरू करना चाहती है। इसका कारखाना भी वह भारत में ही लगाना चाहती है।
फैब के लिए 10 करोड़ डॉलर से लेकर 50 करोड़ डॉलर तक निवेश की जरूरत
विशेषज्ञों ने कहा कि गैलियम से बनने वाले फैब के लिए 10 करोड़ डॉलर से लेकर 50 करोड़ डॉलर तक निवेश की जरूरत होती है। कुछ भारतीय कंपनियां भी इस क्षेत्र में उतरने की संभावना तलाश रही हैं।
फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी समूह ने फैब संयंत्र लगाने के कदम की पुष्टि की है। मगर उसने और कुछ नहीं बताया। कंपनी ने बयान में कहा, ‘फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब तंत्र के संशोधित कार्यक्रम के तहत आवेदन पर काम कर रही है।’
कंपनी ने कहा कि वह संभावित भागीदारों पर नजर डाल रही है और और भारत तथा विदेश से ऐसे हिस्सेदार लाना चाहती है, जो भारत को नई ऊंचाई पर देखना चाहते हैं और जो फॉक्सकॉन की विश्व-स्तरीय आपूर्ति श्रृंखला के प्रबंधन एवं विनिर्माण दक्षता में काम आ सकें।
एक दिन पहले ही फॉक्सकॉन ने वेदांत के साथ साझे उपक्रम से निकलने का ऐलान किया था। उस उपक्रम के तहत 19.5 अरब डॉलर के निवेश से 28 नैनोमीटर तथा 40 नैनोमीटर चिप बनाने के कारखाने लगने थे।
ताइवान की यह कंपनी सेमीकंडक्टर के लिए सरकारी योजना के लिए पात्रता हासिल करने के लिए भी आवेदन करना चाहती है। इस योजना के तहत सरकार परियोजना में आने वाले कुल खर्च की 50 फीसदी रकम देती है। यह योजना नई कंपनियों के लिए भी हाल में खोली गई है और इसके लिए अगले साल दिसंबर तक आवेदन किया जा सकता है। पहले तीन कंपनियों ने फैब संयंत्र लगाने के लिए आवेदन किया था।