प्रमुख अस्पताल शृंखला फोर्टिस हेल्थकेयर का नाम बदलकर अब पार्कवे हो जाएगा। पार्कवे ब्रांड का स्वामित्व मलेशिया की स्वास्थ्य सेवा कंपनी आईएचएच के पास है। इसकी नैदानिक इकाई एसआरएल के लिए किसी नए नाम और लोगो की तलाश की जा सकती है।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि नाम में बदलाव आवश्यक मंजूरियों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों एवं अन्य नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करेगा। फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड ने अगले साल अप्रैल से पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
नाम में बदलाव की घोषणा किए जाने के बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयर में 2.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
कंपनी ने कहा है कि पूर्व प्रवर्तकों- मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह- से कंपनी को पूरी तरह अलग करना आवश्यक है। फोर्टिस हेल्थकेयर के चेयरमैन रवि राजगोपाल ने कहा, ‘यह 2018 में पुनगर्ठित बोर्ड द्वारा शुरू की गई प्रशासन प्रक्रियाओं में व्यापक सुदृढीकरण के अनुरूप है। इसके जरिये हम कंपनी को उसके पूर्व प्रवर्तकों से पूरी तरह अलग करना चाहते हैं।’
फोर्टिस के बोर्ड ने नाम में बदलाव और कंपनी एवं उसकी सहायक इकाइयों की रीब्रांडिंग के लिए आज अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। कंपनी अब अपने कॉरपोरेट नाम, ब्रांड और लोगों के तौर पर फोर्टिस, ला फेमे और एसआरएल का इस्तेमाल बंद कर देगी। कंपनी द्वारा किए गए एक शोध से पता चलता है कि पार्कवे ब्रांड के लिए आईएचएच हेल्थकेयर बेरहद के किसी अन्य ब्रांड के मुकाबले काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
मलेशियाई कंपनी की अब नॉर्दर्न टीके वेंचर पीटीई के जरिये फोर्टिस हेल्थकेयर में 31 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
कंपनी ने कहा है कि पार्कवे आईएचएच समूह से जुड़ा हेल्थकेयर क्षेत्र का अंतरराष्ट्रीय तौर पर प्रख्यात ब्रांड था। समूह 10 देशों में 78 अस्पतालों में 15,000 से ज्यादा लाइसेंसकृत बिस्तरों का परिचालन करता है और एशिया का सबसे बड़ा समेकित निजी हेल्थकेयर प्रदाता है।
राजागोपाल ने कहा, ‘आईएचएच के साथ हमारा गठजोड़ भारत में हेल्थकेयर उद्योग में एक महत्वपूर्ण भागीदारी है।’
अपनी वाणिज्यिक रणनीति के तहत कंपनी ने कॉरपोरेट नाम, ब्रांड और कंपनी के लोगो के तौर पर ब्रांड ‘पार्कवे’ का इस्तेमाल करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की योजना बनाई है। आईएचएच के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी लो ची कियोन ने कहा है कि रीब्रांडिंग से फोर्टिस के प्रति कंपनी की प्रतिबद्घता और मजबूत हुई है।
फोर्टिस को 208 करोड़ रुपये का घाटा
फोर्टिस हेल्थकेयर (एफएचएल) के पहली तिमाही के परिणाम पर कोविड-19 का प्रभाव दिखा है। कंपनी के अस्पताल और जांच व्यवसाय, दोनों पर दबाव देखने को मिला है। एफएचएल ने जून तिमाही में 208.26 करोड़ रुपये का कर-पूर्व नुकसान दर्ज किया है जबकि पिछले साल की समान तिमाही में उसने 52.29 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ दर्ज किया था। जून तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय 47 प्रतिशत तक घटकर 610 करोड़ रुपये रह गई। अस्पताल व्यवसाय ने 488.3 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में 913 करोड़ रुपये था। वहीं जांच व्यवसाय का राजस्व 140 करोड़ रुपये रहा जो पिछली समीक्षाधीन तिमाही में 258 करोड़ रुपये था।