कैंपा कोला जैसे कार्बोनेटेड पेय, होमकेयर एवं पर्सनल केयर श्रेणियों में उतरने के बाद रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स अब डेरी एवं फ्रोजन फूड बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी इस श्रेणी में दही, फ्रोजन डिजर्ट, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड यॉगर्ट आदि मूल्यवर्द्धित उत्पादों पर जोर देगी।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने दूसरी बार डेरी कारोबार पर नजर गड़ाई है। इस बाजार में उसे अमूल और मदर डेयरी जैसी कंपनियों से सीधी टक्कर लेनी होगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि कंपनी अपने ब्रांड की आइसक्रीम उतार सकती है और इसकी शुरुआत संभवत: गुजरात से होगी। कंपनी गुजरात में ही ठेके पर आइसक्रीम बनाने वाली एक कंपनी के साथ इसका उत्पादन शुरू कर सकती है।
हालांकि सूत्रों ने यह भी कहा कि कंपनी की कुछ योजनाएं फिलहाल शुरुआती चरण में हो सकती हैं। एक अन्य सूत्र ने भी कहा कि रिलायंस डेरी एवं मूल्यवर्द्धित उत्पाद श्रेणी में कुछ कंपनियों का अधिग्रहण करने पर विचार कर रही है।
कंपनी ने संदीपन घोष को अपने डेरी एवं फ्रोजन फूड कारोबार का प्रमुख नियुक्त किया है। इससे पहले घोष मिल्क मंत्रा और लैक्टेलिस ग्रुप इंडिया में थे।
आईमार्क ग्रुप ने 2022 में डेरी बाजार 14,89,980 करोड़ रुपये तक और 2026 में 31,18,570 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान जताया है। उसके अनुसार 2023 से 2028 के बीच यह 13.2 फीसदी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इससे पहले 2007 में इस बाजार में कदम रखा था मगर 2016 में उसने अपना डेरी कारोबार हेरिटेज फूड्स को बेच दिया था। रिलायंस ने दिसंबर में अपना ब्रांड ‘इंडिपेंडेंस’ पेश किया था। इसके तहत वह राशन का सामान, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (प्रोसेस्ट फूड) एवं दैनिक उपभोग की अन्य वस्तुओं की बिक्री करती है। मार्च में रिलायंस कंज्यूमर ने 50 साल पुराना पेय ब्रांड कैंपा एक बार फिर पेश कर दिया और उसके कोला उत्पादों की कीमत प्रतिस्पर्द्धी कंपनियों से काफी कम रखी।
उसने होमकेयर एवं पर्सनल केयर उत्पादों को भी किफायती दाम के साथ बाजार में उतारा है। इन उत्पादों में ग्लिमर ब्यूटी सोप, गेट रियल नैचुरल सोप, प्योरिक हाइजीन सोप, डोजो डिशवॉश बार एवं लिक्विड, होमगार्ड टॉयलेट क्लीनर एवं फ्लोर क्लीनर और एंजो डिटरजेंट पाउडर, लिक्विड तथा बार शामिल हैं।
FMCG बाजार में रिलायंस के कदम रखने पर शेयर अनुसंधान कंपनी एमके ने कहा, ‘मुझे लगता है कि रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स तेजी से FMCG बाजार पर अपना प्रभाव स्थापित करने की कोशिश करेगी। शुरुआती चरण में कंपनी ब्रांड पोर्टफोलियो एवं इस श्रेणी के लिए रणनीति तैयार करने में काफी तेजी दिखा चुकी है।’
एमके ने कहा कि पिछले एक दशक में FMCG क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा दिखी है। कीमतों के मोर्चे पर कंपनियों में होड़ नहीं दिखी है और इस क्षेत्र में एबिटा मार्जिन सधी रफ्तार से बढ़ता रहा है। मगर रिलायंस कीमत के मोर्चे पर आक्रामक नीति अपनाकर पूरा समीकरण बदल सकती है। रिलायंस इस खंड की स्थापित कंपनियों की तुलना में 10-50 प्रतिशत तक छूट दे सकती है, जिससे काफी उथल-पुथल मच जाएगी।
एमके ने कहा कि रिलायंस ने 5 वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे उसकी आक्रामक कारोबारी रणनीति का संकेत मिलता है।