ई-कॉमर्स क्षेत्र की धुरंधर कंपनी फ्लिपकार्ट देश के बड़े शहरों में हजारों ‘डार्क स्टोर’ स्थापित करने में जुटी है। सूत्रों के अनुसार वॉलमार्ट नियंत्रित फ्लिपकार्ट अगले कुछ महीनों में लोगों का ऑर्डर किया सामान जल्दी से जल्दी पहुंचाने की तैयारी कर रही है।
ई-कॉमर्स क्षेत्र में डार्क स्टोर उन किराना स्टोर को कहा जाता है, जो ऑर्डर मिलने के बाद झट से सामान ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए खोले जाते हैं। कंपनी ऐसे स्टोर स्थापित करने के लिए विभिन्न उद्यमियों एवं किराना दुकानों से बात कर रही है। मगर कंपनी इन डार्क स्टोर पर मालिकाना नियंत्रण नहीं रखेगी। कंपनी का यह कदम बड़े तादाद पर रोजगार के अवसर भी दे सकता है।
फ्लिपकार्ट की इस रणनीति से वाकिफ एक सूत्र ने कहा, इन दिनों सभी का जोर ग्राहकों के ऑर्डर जल्द से जल्द पहुंचाने पर है। फ्लिपकार्ट को मालूम है कि बाजार में अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए उसे समय के साथ अपनी तैयारी भी दुरुस्त रखनी होगी। ग्राहकों तक कम से कम समय में ऑर्डर पहुंचाना कंपनी की इसी रणनीति का हिस्सा है।’
कंपनी के पास ऐसे ऑर्डर बड़ी संख्या में आ रह हैं, जिनमें ग्राहक मनमाफिक सामान कम से कम समय में पाना चाहते हैं। ऐसे ऑर्डर फल-सब्जियों एवं अनाज ही नहीं बल्कि सौंदर्य प्रसाधन, इलेक्ट्रॉनिक्स, घर सजाने के सामान और वेलनेस की चीजों के लिए भी आ रहे हैं क्योंकि लोग अब ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहते।
ई-कॉमर्स क्षेत्र के सूत्रों के अनुसार जेप्टो, इंस्टामार्ट और ब्लिंकइट जैसी कंपनियां 15-20 मिनट में लोगों के ऑर्डर उनके घरों तक पहुंचा देती है। फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसी कंपनियां इस मोर्चे पर मात खा जाती हैं, इसलिए वे भी अब बिना और देर किए कम से कम समय में सामान पहुंचाने की रणनीति तैयार करने में जुट गई हैं।
सूत्रों के अनुसार कंपनी त्वरित ग्राहक सेवा के तहत ग्राहकों के ऑर्डर 15 से 30 मिनट में पूरे करने का लक्ष्य साध रही है।
अपनी इस कारोबारी नीति को अमली जामा पहनाने के लिए फ्लिपकार्ट बुनियादी ढांचे, विक्रेता तंत्र और अत्याधुनिक तकनीक पर रकम खर्च रही है। कंपनी ग्राहकों के व्यवहार एवं उनकी पसंद-नापसंद समझने तथा आने वाले समय में उत्पादों की मांग का अंदाजा लगाने एवं उन्हें तैयार रखने के लिए के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का सहारा लेगी।
फ्लिपकार्ट ने हाल में अपनी मूल कंपनी वॉलमार्ट एवं दूसरे निवेशकों से 60 करोड़ डॉलर रकम जुटाई थी। सूत्रों का कहना है कि कंपनी कुल 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है। पिछले कुछ महीनों के दौरान आपूर्ति क्षमता बढ़ाने और 20 शहरों में ऑर्डर मिलते ही उसी दिन सामान पहुंचाने जैसी सुविधाओं पर बड़े निवेश किए हैं।