facebookmetapixel
RBI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा! SME IPOs में खतरे की घंटीRBI Gold Reserves: रिजर्व बैंक के पास 880 टन से ज्यादा सोना, वैल्यू 95 अरब डॉलरInfosys के प्रमोटर्स ने ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक से खुद को अलग कियासितंबर में Debt MF से निवेशकों ने क्यों निकाले ₹1.02 लाख करोड़? AUM 5% घटासस्ते आयात, डंपिंग से देश के स्टील सेक्टर को नुकसान; नीतिगत समर्थन की जरूरत: RBIसोशल मीडिया पर AI कंटेंट पर सख्ती, लेबलिंग और वेरिफिकेशन अनिवार्य; MeitY ने जारी किया मसौदा नियमभारत बनेगा AI कंपनियों का नया ठिकाना, OpenAI और Anthropic करेंगी भर्ती और ऑफिस की शुरुआतIndia-US Trade Deal: 50% से 15% होगा टैरिफ! ट्रंप देंगे बड़ा तोहफा, जल्द फाइनल हो सकती है डीलMajhi Ladki Bahin Yojana: महिलाओं की स्कीम में 12 हजार पुरुषों को मिला फायदा! चौंकाने वाला खुलासाTata Motors CV की लिस्टिंग डेट पर बड़ा अपडेट! दिसंबर से बाजार में शुरू हो सकती है ट्रेडिंग

72 हजार करोड़ रुपये रहेगा फास्टैग संग्रह!

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भीषण गर्मी और चुनावों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग आवंटन की गतिविधियां सुस्त पड़ गईं।

Last Updated- October 30, 2024 | 10:37 PM IST
Fastag

चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग संग्रह करीब 72,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। एसबीआई कैपिटल मार्केट की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में यातायात वृद्धि उम्मीद से कम रही और वित्त वर्ष 2025 में टोल शुल्क में धीमी वृद्धि के कारण ऐसा होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 में टोल राजस्व वृद्धि में सुधार की उम्मीद की जा रही है। टोल शुल्क में थोड़ी वृद्धि होने और वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में यातायात में थोड़ी वृद्धि और अनुकूल आधार प्रभावों के कारण इसकी उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भीषण गर्मी और चुनावों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग आवंटन की गतिविधियां सुस्त पड़ गईं।

साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक, भारतमाला परियोजना के पहले चरण की लागत बजट में इसकी अनुमानित लागत के मुकाबले काफी बढ़ गई, जिसके कारण नवंबर 2023 से आवंटन रोक दिया गया। मगर 10 हजार करोड़ रुपये से कम की परियोजनाओं के आवंटन देने के सरकार के हालिया कदम से संभावना जताई जा रही है कि इसमें वृद्धि होगी।

भारतमाला परियोजना का करीब 12,000 किलोमीटर कार्य और फिलहाल 2.4 लाख करोड़ रुपये की लागत भी लंबित है, जिसका बड़ा हिस्सा पंजाब, केरल और आंध्र प्रदेश में खर्च किया जाना है। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान निर्माण गतिविधियां भी सुस्त पड़ गई थीं।

मगर दूसरी छमाही में कार्य पहली छमाही के मुकाबले दमदार रहने की संभावना है, लेकिन वित्त वर्ष 2025 के लिए निर्माण अनुमान वित्त वर्ष 2024 के मुकाबले कम रहने के आसार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग टोलों में मुद्रीकरण क्षमता का 70 फीसदी भी अभी नहीं भुनाया जा सका है।

First Published - October 30, 2024 | 10:37 PM IST

संबंधित पोस्ट