चीन से दुर्लभ खनिजों का लाइसेंस हासिल करने के मामले में कम से कम 10 आवेदकों के अग्रिम चरण में होने की खबरों के बीच सूत्रों ने संकेत दिया है कि उद्योग और केंद्र सरकार घरेलू मैग्नेट के उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण दो प्रमुख सामग्रियों – डिस्प्रोसियम और टेरबियम के आयात के लिए सक्रिय रूप से जोर दे रही है।
भारत को मुख्य रूप से स्थायी मैग्नेट में इस्तेमाल के लिए कई दुर्लभ खनिज तत्वों की आवश्यकता है, खास तौर पर नियोडिमियम, प्रेजोडियम, डिस्प्रोसियम और टेरबियम की। डिस्प्रोसियम और टेरबियम ऐसे दो भारी दुर्लभ खनिज तत्व (एचआरईई) हैं, जिनमें अद्वितीय गुणधर्म होते हैं, विशेष रूप से चुंबकत्व के क्षेत्र में। ये दोनों भारत में इतनी मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं कि इन्हें भंडारों से निकाला जा सके। हालांकि भारत के पास लैंथेनम, सेरियम, नियोडिमियम और प्रेजोडिमियम जैसे कुछ दुर्लभ खनिज तत्व (आरईई) हैं, लेकिन वह डिस्प्रोसियम और टेरबियम समेत भारी दुर्लभ खनिज तत्वों के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।
भारतीय दूतावास चीन में समकक्ष अधिकारियों के संपर्क में है ताकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए मुलाकात का समय तय हो सके। इस प्रतिनिधिमंडल में भारत का कोई भी सरकारी अधिकारी शामिल नहीं होगा। वर्तमान में 40 से अधिक आवेदन कथित तौर पर चीन की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा कि उद्योग अधिकारियों की टीम ने अभी तक बातचीत के किसी भी मुद्दे को तय नहीं किया है, क्योंकि चीनी सरकार के साथ मुलाकात का समय अभी तक तय नहीं हो पाया है।
एक सूत्र ने कहा, ‘आपूर्तिकर्ताओं को नए मानदंडों के आधार पर अंतिम-उपयोग की शर्तों को पूरा करना होगा। अगर पिछली स्थिति बहाल नहीं होती है, तो हम डिस्प्रोसियम और टेरबियम के लिए जोर देने पर विचार कर रहे हैं।’
वाहन उद्योग के एक और शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हमारी बातचीत का पहला मुद्दा बहाली की स्थिति हो सकती है। वाहनों के पुर्जे बनाने के लिए हमें जो चाहिए, वह हमें प्राप्त करना होगा। इसे किसी और चीज से नहीं बदला जा सकता है। अगर वे राजी नहीं होते हैं, तो भारी दुर्लभ खनिज तत्वों को आगे बढ़ाया जा सकता है। हम कच्चा माल लाएंगे और चीन पर निर्भर हुए बिना इसे खुद करेंगे।’ नियोडिमियम का उपयोग इलेक्ट्रिक मोटर, पवन टरबाइन और ईवी के लिए मैग्नेट में किया जाता है। प्रेजोडिमियम का इस्तेमाल मैग्नेट में नियोडिमियम के साथ किया जाता है।
अधिक मूल्य वाले दो दुर्लभ खनिज डिस्प्रोसियम और टेरबियम इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटर, पवन टरबाईन जनरेटर जैसे अनुप्रयोगों तथा उष्मा प्रतिरोध और दीर्घकालिक प्रदर्शन की जरूरत वाले विभिन्न औद्योगिक उपकरणों के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं।