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अमेरिकी स्टील प्लांट में और निवेश करेगा एस्सार समूह: प्रशांत रुइया

मिनेसोटा में लौह अयस्क संयंत्र और 700 नौकरियां सृजित करने की योजना; भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य में ऊर्जा, धातु और प्रौद्योगिकी में भूमिका निभाने का इरादा

Last Updated- January 24, 2025 | 10:35 PM IST
Essar Group- एस्सार समूह

अब जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ‘मेक इन अमेरिका’ योजनाएं शुरू कर रहे हैं तो भारत का एस्सार समूह भी मिनेसोटा राज्य के अपने संयंत्र में 65 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश कर रहा है। समूह ने पहले 1.7 अरब डॉलर का निवेश किया था। एस्सार समूह के निदेशक प्रशांत रुइया ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच से टेलीफोन पर बातचीत में देव चटर्जी को बताया कि उनकी कंपनी अमेरिकी और भारतीय बाजारों को लेकर आशान्वित है। प्रमुख अंश

अमेरिका में नए प्रशासन के आने के बाद क्या एस्सार समूह अमेरिका में अपना निवेश बढ़ाने पर विचार करेगा?

अमेरिका हमारे लिए खास बाजार है और हमारे निवेश इस क्षेत्र में हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। नॉर्दन मिनेसोटा में हम प्रति वर्ष 70 लाख टन लौह अयस्क खनन और पेलेटाइजेशन इकाई लगा रहे हैं जहां ऊंची श्रेणी के 1.3 अरब टन के लौह अयस्क भंडार हैं। यह पहल अमेरिकी इस्पात उद्योग के और अधिक पर्यावरण अनुकूल, कम कार्बन उत्पादन की दिशा में केंद्रित है। अब तक किए गए 1.7 अरब डॉलर के निवेश तथा 65 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त निवेश के साथ साथ हम अमेरिका में 700 से ज्यादा प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कर रहे हैं और स्थानीय आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहे हैं।

भारत का लक्ष्य पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है। आप एस्सार समूह की क्या भूमिका देख रहे हैं?

भारत की विकास गाथा वास्तव में असरदार है। यहां भविष्य के अवसर और भी बड़े हैं। भारत में न केवल अपनी बड़ी घरेलू खपत की मांग को पूरा करने की क्षमता है, बल्कि वह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रमुख भागीदार के रूप में भी उभर रहा है। यह खुद को चीन प्लस वन समाधान के रूप में स्थापित कर सकता है और विकसित अर्थव्यवस्थाओं की मांगों को पूरा करता है। हमारा इरादा ऊर्जा, धातु और खनन, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस बदलाव में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने का है।

विभिन्न भू-राजनीतिक घटनाक्रम और नए अमेरिकी राष्ट्रपति के मद्देनजर दावोस में भारत को लेकर क्या रुख है?

दावोस केवल एक सम्मेलन नहीं है। यह उन विचारों का मंच है जो दुनिया को बदल सकते हैं। भारत अपनी परिवर्तनकारी विकास गाथा और मजबूत आकांक्षाओं के साथ इस वैश्विक मंच पर ऊंचा स्थान पा रहा है। मुझे उम्मीद है कि बातचीत अब सैद्धांतिक विचार-विमर्श से आगे बढ़कर ठोस और कार्रवाई योग्य रणनीतियों में बदलेगी, जिन्हें कारोबार वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए विकास को बढ़ावा देने के लिए लागू कर सकते हैं।

एस्सार समूह ब्रिटेन और भारत में हरित ऊर्जा में अरबों डॉलर निवेश कर रहा है। समूह के पर्यावरण संबंधी प्रभाव को घटाने के लिए आप क्या कर रहे हैं?

हम परिवर्तनकारी हरित पारिस्थितिकी प्रणालियों में निवेश करके पर्यावरण अनुकूल भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा ध्यान हाइड्रोजन और हाइड्रोजन संचालित संयंत्रों के जरिये औद्योगिक कार्बन में कमी लाने, बड़े ट्रकों से ढुलाई को कार्बन मुक्त करने के लिए हरित आवागन समाधानों को आगे बढ़ाने, दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन उत्पादन में नवाचार को बढ़ावा देने और हरित इस्पात के निर्माण में अग्रणी होने पर हैं।

First Published - January 24, 2025 | 10:35 PM IST

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