भारत में Tesla की एंट्री लगभग तय है। इसके लिए टेस्ला ने पहले भी अपना मैन्युफैंक्चरिंग प्लांट लगाने को लेकर कई राज्य सरकारों से बात की थी। हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए टेस्ला के सीईओ ईलॉन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) भारत में किसी लोकल पार्टनर की तलाश कर रहे हैं।
रिपोर्ट की मानें तो अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन प्रमुख भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के साथ एक ज्वाइंट वेंचर को लेकर बातचीत कर सकता है। यानी कि भारत में टेस्ला की एंट्री में रिलायंस की भी भूमिका हो सकती है।
द हिंदू कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि अभी बातचीत शुरुआती चरण में है और यह एक महीने से अधिक समय से जारी है। हालांकि, सूत्र ने कहा कि इस कदम को रिलायंस के ऑटोमोबाइल सेक्टर में एंट्री के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि कि इस कदम को ऑटोमोबाइल क्षेत्र में आरआईएल के प्रवेश के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। आरआईएल का उद्देश्य इस ज्वाइंट वेंचर के जरिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए क्षमता को बढ़ावा देना है।
रिपोर्ट में एक और सोर्स के हवाले से लिखा गया है , “हालांकि आरआईएल की भूमिका अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि भारतीय समूह भारत में टेस्ला के लिए मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी और एलाइड इकोसिस्टम स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
रिलायंस ने Ashok Leyland के साथ भी की थी पार्टनरशिप
इसके पहले भी साल 2023 में RIL ने अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) के साथ साझेदारी की थी, जिसके तहत भारत के पहले हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक को लॉन्च किया था। आरआईएल ने पिछले साल ईवी के लिए रिमूवेबल और स्वैपेबल बैटरी को भी अनवील किया था।
Tesla का प्लांट लगाने के लिए भारत में रेस शुरू
टेस्ला के भारत में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने की खबरों के बीच तमाम राज्य सरकारें अपने यहां कारखाना लगाने के लिए कंपनी को लुभाने में लगी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार इस होड़ में गुजरात सबसे आगे है और तमिलनाडु तथा तेलंगाना भी ज्यादा पीछे नहीं हैं। महाराष्ट्र ने भी पुणे के औद्योगिक क्षेत्र में कारखाना लगाने के लिए टेस्ला से संपर्क किया है।
ऐसी खबरें सामने आई थीं कि अमेरिका से टेस्ला की एक टीम भारत आएगी और 200 से 300 करोड़ डॉलर की लागत से इलेक्ट्रिक वाहन कारखाना लगाने के लिए जमीन का मुआयना करेगी।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया था कि टेस्ला को लुभाने में गुजरात सबसे आगे है। वाहन बनाने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे वाले तमिलनाडु और तेलंगाना भी इस प्रोजेक्ट को हासिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र भी पुणे में प्लांट के लिए टेस्ला को लुभाने में लगा हुआ है।
बता दें कि टेस्ला के लिए भारत में आना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दुनिया भर में उसकी बिक्री में गिरावट आई है। ईलॉन मस्क की कंपनी की ग्लोबल सेल इस साल की पहली तिमाही में 8.5 फीसदी घटकर 3,86,810 वाहन ही रही। चीन में स्थानीय ईवी विनिर्माताओं से मिल रही कड़ी टक्कर के कारण टेस्ला की बिक्री पर असर पड़ा है।