facebookmetapixel
Market Outlook: अमेरिका-चीन टैरिफ विवाद और महंगाई डेटा से तय होगी शेयर बाजार की चालअब ChatGPT से कर सकेंगे शॉपिंग, UPI पेमेंट भी होगा तुरंत; जानें इस नए खास फीचर के बारे मेंDiwali Shopping: त्योहारों की खरीदारी? SBI के ये कार्ड देंगे बचत, कैशबैक और रिवॉर्ड्स; जानें डीटेल्सPakistan-Afghanistan War: पाक-अफगान सीमा पर फायरिंग से तनाव बढ़ा, कई चौकियां तबाहTata Capital IPO vs LG IPO: अगले हफ्ते होगी साल के दो सबसे बड़े IPO की लिस्टिंग, क्या नया रिकॉर्ड बनाएंगे टाटा और एलजी?60/40 की निवेश रणनीति बेकार…..’रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को फिर चेतायाTCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछला

अक्टूबर के अंत तक लाभ में आना चाह रही ElasticRun

ElasticRun ने फंडिंग संकट से उभरने के लिए क्षेत्रीय ब्रांडों पर फोकस किया, अक्टूबर 2024 तक परिचालन लाभ का लक्ष्य

Last Updated- July 16, 2024 | 10:50 PM IST
Sandeep Deshmukh, Co- Founder And CEO, ElasticRun
संदीप देशमुख, सह-संस्थापक और सीईओ, इलास्टिकरन

बुनियादी चीजों पर लौटने से कई स्टार्टअप कंपनियों को मजबूत कारोबार के साथ फंडिंग की कमी के दौर से उभरने में मदद मिली है और उनके पास लाभ दर्ज करने की साफ राह है। पुणे स्थित इलास्टिकरन भी इसी तरह ध्यान केंद्रित करने की मिसाल है क्योंकि अब इसकी नजर अक्टूबर 2024 के अंत तक परिचालन लाभ दर्ज करने पर है।

इलास्टिकरन के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी संदीप देशमुख ने कहा ‘हम परिचालन लाभ हासिल करने के करीब हैं। हमें अक्टूबर 2024 के आखिर तक ऐसा होता दिख रहा है। क्षेत्रीय ब्रांडों पर अपना ध्यान केंद्रित करने की वजह से ऐसा हो रहा है।’

सॉफ्टबैंक और प्रोसस वेंचर के निवेश वाली इलास्टिकरन ग्रामीण क्षेत्रों में फएमसीजी उत्पादों का वितरण करती है। इसने पिछले दो साल में अपने कारोबार में कई बदलाव किए हैं, जिसका मतलब उन श्रेणियों को बंद करना या उनसे दूरी बनाना भी है, जो कुशलता से नहीं चल रही थीं।

मसलन बिजनेस टु बिजनेस ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनी ने क्षेत्रीय ब्रांडों के साथ काम करने पर ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि वे बेहतर मार्जिन देते हैं और मार्केटिंग में इन ब्रांडों के साथ साझेदारी करने की भी अनुमति प्रदान करते हैं। देशमुख ने कहा, ‘क्षेत्रीय ब्रांड राष्ट्रीय ब्रांडों की तुलना में बेहतर मार्जिन प्रदान करते हैं। कुछ मामलों में तो यह 14 प्रतिशत से भी ऊपर जा सकता है।’

क्षेत्रीय ब्रांडों के साथ काम करते हुए कंपनी ने यह अनुभव किया है कि हालांकि इन ब्रांडों के पास अच्छे उत्पाद हैं, लेकिन उनके पास वितरण की कोई ताकत नहीं है।

First Published - July 16, 2024 | 10:50 PM IST

संबंधित पोस्ट