दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा कि वह चीन की फोन निर्माता कंपनी वीवो के अनुरोध पर विचार करे और कंपनी को देनदारियों के भुगतान के लिए कुछ बैंक खातों को फ्रीज के दायरे से बाहर किए जाने की अनुमति दे।
इस मामले की सुनवाई 13 जुलाई को होगी।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कुछ खातों से प्रतिबंध हटाने की मांग करने के लिए वीवो द्वारा पेश की गई याचिका के संबंध में प्रवर्तन एजेंसी से अपना जवाब देने को कहा है।
न्यायालय ने ईडी के लिए वकील जोहेब हुसैन को इस याचिका में वीवो द्वारा मांगी गई राहत पर ध्यान देने का निर्देश दिया है।
वीवो के वकीलों सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि कर, टीडीएस और उत्पाद शुल्क समेत कई तरह की देनदारियों का भुगतान किया जाना है। उन्होंने कहा, ‘कंपनी में हजारों कर्मचारी काम करते हैं। इसलिए इसकी तत्काल जरूरत है कि खाते फ्रीज होने से ये देनदारियां हर दिन बढ़ती जा रही हैं।’
इस बीच, ईडी के वकील ने वीवो के बैंक खातों को ‘अनफ्रीज’ करने यानी खातों से प्रतिबंध हटाने की याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि ऐसा करना जल्दबाजी भी है। उन्होंने कहा कि एजेंसी द्वारा तलाशी अभियान दिन के आखिर में पूरा हो जाएगा।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा, ‘याचिका में शामिल वित्तीय शर्तों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी को याचिका के पहलुओं पर विचार करने और प्रीवेंशन ऑफ मनी लाउंडरिंग ऐक्ट (पीएमएलए) की धारा 17 (1)ए के तहत प्रतिबंधित परिसंपत्ति के साथ कारोबार करने की अनुमति देने का निर्देश दिया ।’
वीवो द्वारा दायर इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रमण्यम प्रसाद के समक्ष शुक्रवार की सुबह पेश किया गया।
ईडी द्वारा मुहैया कराई गई जानाकरी के अनुसार अब तक 465 करोड़ रुपये के सकल बैलेंस के साथ कंपनी के 119 बैंक खाते पीएमएलए के प्रावधानों के तहत फ्रीज थे।
