प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाले मंत्रिमंडल ने आज सरकारी स्वामित्व वाली ऋण बीमा प्रदाता ईसीजीसी लिमिटेड में वित्त वर्ष 2022 से अगले पांच साल की अवधि में 4,400 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने देसी शेयर बाजार में कंपनी की सूचीबद्धता को भी मंजूरी दे दी। यह कदम अगले वित्त वर्ष में उठाए जाने के आसार हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि कुल राशि में से 500 करोड़ रुपये की पूंजी चालू वित्त वर्ष में लगाई जाएगी। 500 करोड़ रुपये का निवेश अगले वित्त वर्ष में होगा। बाकी रकम जरूरत पडऩे पर लगाई जाएगी। गोयल ने कहा, ‘जहां तक सूचीबद्धता की मात्रा का सवाल है, इसका फैसला वैकल्पिक व्यवस्था से सही समय पर होगा।’
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ईसीजीसी की प्रस्तावित सूचीबद्धता से ‘कंपनी का वास्तविक मूल्य’ पता चलेगा और कंपनी की शेयरधारिता में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहन से लोगों के स्वामित्व को बढ़ावा मिलेगा। देसी बाजार में सूचीबद्धता से कंपनी में ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। इससे कंपनी बाजार से आईपीओ या उसके बाद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिये नई पूंजी जुटा पाएगी। इससे कंपनी की अधिकतम देनदारी 2025-26 तक बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी, जो इस समय 1 लाख करोड़ रुपये है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘स्वीकृत पूंजी के निवेश और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये ईसीजीसी की सूचीबद्धता के प्रयासों से कंपनी की ज्यादा निर्यात को मदद देने के लिए अंडरराइटिंग की क्षमता बढ़ेगी।’
ईसीजीसी की स्थापना करीब पांच दशक पहले निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यह वाणिज्यिक और राजनीतिक कारणों से विदेशी खरीदारों के भुगतान नहीं करने के जोखिमों से सुरक्षा के लिए निर्यातकों को ऋण बीमा सेवा मुहैया कराती है। इस समय यह भारत में निर्यात ऋण बीमा बाजार की सबसे बड़ी कंपनी है।
ईसीजीसी बैंकों को बीमा कवर मुहैया कराती है। इस तरह यह बैंकों को छोटे निर्यातकों को कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ये निर्यातक महामारी की वजह से प्रभावित हुए हैं।
गोयल ने कहा, ‘जब छोटे निर्यातक निर्यात करते हैं तो वे इसका बीमा कराना चाहते हैं। अगर किसी वजह से भुगतान नहीं मिलता है तो उस परिस्थिति में सरकारी कंपनी ईसीजीसी भुगतान के लिए बीमा सुविधा मुहैया कराएगी।’
यह घोषणा ऐसे समय की गई है, जब भारत ने चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है। इससे आर्थिक सुधार में भी मदद मिलेगी। गोयल ने कहा कि भारत ने 21 सितंबर तक 185 अरब डॉलर का निर्यात किया है।