इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनियां 4,000 रुपये से कम कीमत वाले चार्जर की पेशकश करने के लिए एक योजना पर काम कर रही हैं और इसकी लागत फेम-2 सब्सिडी हासिल करने के लिए सरकार की तरफ से तय कीमत सीमा में समाहित करेगी। हालांकि उन्हें इसके विनिर्माण और EV के साथ पेशकश में तीन से चार महीने लगेंगे। भारी उद्योग विभाग ने व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर कंपनियों को जवाब देने के लिए कहा है, जिसके बाद इस पर विचार किया जा रहा है।
व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी कि इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनियां मसलन एथर एनर्जी, ओला इलेक्ट्रिक और टीवीएस 9,450 रुपये से लेकर 19,000 रुपये की कीमत पर चार्जर बेच रही है और EV की एक्स-फैक्टरी प्राइस में इसे शामिल करने के बजाय इसकी बिलिंग अलग से कर रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि चार्जर के बिना कोई ग्राहक इलेक्ट्रिक स्कूटर नहीं चला सकता।
इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कुछ कंपनियों ने कहा कि वह उपभोक्ता की मांग के हिसाब से चल रही थी क्योंकि कई लोगों के पास एक ही ब्रांड के स्कूटर हैं और वे एक और चार्जर नहीं खरीदना चाहते। ऐसे में उसकी पेशकश अलग से की गई। लेकिन व्हिसलब्लोअर ने कहा, डीलरों से पता चला कि हर मामले में स्कूटर के साथ चार्जर खरीदना अनिवार्य बनाया गया है। समस्या यह है कि अगर चार्जर की कीमत एक्स-फैक्टरी प्राइस में शामिल की जाती है तो इन मॉडलों की कीमत सब्सिडी योजना के तहत अनिवार्य कीमत के मुकाबले ज्यादा हो जाएगी।
फेम-2 सब्सिडी पाने के लिए अधिकतम एक्स-फैक्टरी कीमत 1.50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि अगर चार्जर और सॉफ्टवेयर की कीमत जोड़ी जाए तो इलेक्ट्रिक स्कूटर की एक्स-फैक्टरी कीमत करीब 1.53 लाख रुपये से लेकर 1.95 लाख रुपये तक हो जाएगी।
इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कानूनी नजरिये से हम मजबूत स्थिति में हैं क्योंकि इलेक्ट्रिक स्कूटर के नियमों में चार्जर शामिल नहीं है। ऐसे में इसे एक्स-फैक्टरी कीमत में क्यों जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विवादास्पद मसलों पर सरकार से बातचीत चल रही है और अगर सरकार इस पर जोर देती है तो कंपनी स्कूटर की एक्स-फैक्टरी प्राइस के तहत स्लो चार्जर मुहैया कराने पर विचार करेगी। हालांकि इसके तहत नया चार्जर बनाने में कम से कम तीन से चार महीने लगेंगे। निश्चित तौर पर ग्राहकों के पास अतिरिक्त लागत पर फास्ट चार्जर खरीदने का विकल्प होगा।
एक अन्य इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के आला अधिकारी ने कहा कि एक्स-फैक्टरी कीमत के भीतर बेसिक चार्जर की पेशकश की जा सकती है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं को अनुभव के साथ समझौता करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, सस्ते चार्जर की पेशकश समाधान नहीं है। लेकिन यह उपभोक्ताओं के अनुभव के साथ समझौता करने जैसा होगा और हमने सरकार के सामने अपना पक्ष रखते हुए उन्हें समझाने की कोशिश की है। हमारी बातचीत जारी है।