केमिकल फर्म हिकल के नियंत्रण को लेकर जारी पारिवारिक टकराव ने नया मोड़ ले लिया है। कंपनी में प्रवर्तक सुगंधा हीरेमठ और उनके पति ने सुगंधा के भाई बाबा कल्याणी एवं परिवार के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
हीरेमठ ने न्यायालय से 1994 के पारिवारिक निपटान का अनुरोध किया है, जिसके तहत बाबा कल्याणी पक्ष को अपनी पूरी हिस्सेदारी हीरेमठ को बेचनी है।
करीब 2,000 करोड़ रुपये के राजस्व वाली इस रसायन कंपनी में दोनों पक्षों की 34-34 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं रिटेल/संस्थागत निवेशकों की 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में हिकल ने कहा है कि हीरेमठ परिवार भारत फोर्ज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (MD) बाबासाहेब कल्याणी, उनकी निवेश कंपनियों और पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ अदालत गया है।
उच्च न्यायालय में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
हिकल ने कहा है कि उसे इस कानूनी प्रक्रिया के संबंध में किसी मुआवजे, जुर्माने आदि से संबंधित वित्तीय प्रभाव की आशंका नहीं है। बयान में कहा गया है, ‘हम समझते हैं कि एक कंपनी के तौर पर, जहां तक प्रतिवादियों में से एक का संबंध है, कंपनी में बाबा कल्याणी समूह के स्वामित्च वाले शेयर मौजूदा मुकदमे की विषय वस्तु का आधार हैं, और कंपनी को किसी भी तरीके से रोकना, चाहे परोक्ष या अपरोक्ष तरीके से, उसके खिलाफ दावे हैं। ’
हिकल का शेयर 307 रुपये पर सपाट बंद हुआ और उसका कुल बाजार पूंजीकरण 3,800 करोड़ रुपये है। कंपनी की स्थापना 1990 के दशक के शुरू में हीरेमठ परिवार द्वारा कल्याणी परिवार से ऋण लेकर की गई थी। कंपनी की स्थापना के वक्त यह समझौता हुआ था कि कल्याणी समूह अपनी हिस्सेदारी हीरेमठ को बेचेगा। लेकिन यह पुनर्खरीद अब तक नहीं की गई है।
इस बारे में गुरुवार को बाबा कल्याणी को भेजे गए ईमेल संदेश का जवाब अभी तक नहीं मिला है।