facebookmetapixel
डीजल ऑटो चालकों के लिए बड़ी खबर! 2025 तक NCR में पूरी तरह बैन होगाG20 में PM मोदी की बड़ी अपील: दुनिया को अब मिलकर तैयार होना होगा आपदाओं के खिलाफ!बीमा क्षेत्र में 100% FDI का रास्ता होगा साफ! सरकार शीतकालीन सत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी मेंCorporate Action: अगले हफ्ते मार्केट में स्प्लिट-डिविडेंड-बोनस का मिलेगा तगड़ा मिश्रण, निवेशकों की चांदीG20 में PM मोदी के बड़े सुझाव: अफ्रीका के विकास से लेकर वैश्विक पारंपरिक ज्ञान तक बड़ा एजेंडाDividend Stocks: नवंबर के आखिरी हफ्ते निवेशकों की चांदी, कई कंपनियां अपने शेयरधारकों को बांटेगी डिविडेंडUP में युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा मौका, KVIC से 21% ज्यादा नौकरियां!Car Loan Offer: सिर्फ 7.6% पर कार लोन! EMI केवल ₹10,000 के करीब; जानें कौन दे रहा है सबसे सस्ता ऑफरभारत की पहली मरीन NBFC सागरमाला फाइनेंस ने बढ़ाई कर्ज सीमा, समुद्री प्रोजेक्ट्स को ₹25,000 करोड़ की राहतSudeep Pharma IPO: सब्सक्राइब करें या नहीं? पूरा रिव्यू 3 मिनट में!

डाबर च्यवनप्राश की निंदा वाली लाइन हटाए पतंजलि : अदालत

अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद की उस अपील का निपटारा कर दिया, जो डाबर के च्यवनप्राश का कथित रूप से अपमान करने वाले विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ अपील की गई थी।

Last Updated- September 24, 2025 | 8:06 AM IST
Patanjali

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि पतंजलि आयुर्वेद ‘साधारण च्यवनप्राश क्यों इस्तेमाल करें’ लाइन का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन ‘40 जड़ी-बूटियों से बना’ का इस्तेमाल नहीं कर सकती, जो डाबर को सीधे संदर्भित करता है।

इसके साथ ही अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद की उस अपील का निपटारा कर दिया, जो डाबर के च्यवनप्राश का कथित रूप से अपमान करने वाले विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ अपील की गई थी।

पतंजलि की अपील में एकल न्यायाधीश के जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पतंजलि के अभियान के खिलाफ डाबर इंडिया की अंतरिम याचिका को अनुमति दी गई थी। न्यायाधीश ने पतंजलि से अपने विज्ञापनों से दो हिस्से हटाने को कहा था: पंक्ति ‘40 जड़ी-बूटियों से बने साधारण च्यवनप्राश से समझौता क्यों?’ और एक अन्य जिसमें कहा गया था, ‘जिनको आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, चरक, सुश्रुत, धन्वंतरि और च्यवनऋषि की परंपरा के अनुरूप मूल च्यवनप्राश कैसे बना पाएंगे?’

पतंजलि ने इस फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी, लेकिन उसके वकील ने मंगलवार को अदालत को बताया कि कंपनी ‘40 जड़ी-बूटियों’ का संदर्भ छोड़ देगी और अभियान को अन्य उत्पादों को ‘साधारण’ बताने तक सीमित रखेगी।

वकील ने यह भी स्पष्ट किया कि पतंजलि हटाए गए टीवी विज्ञापन के खिलाफ अपनी चुनौती पर जोर नहीं देगी। जवाब में, डाबर के वकील ने कहा कि वे अपील के निपटारे के लिए सहमत हैं, बशर्ते पतंजलि अदालत को दिए गए अपने आश्वासन से बंधी हो।

न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला के पीठ ने दूसरी पंक्ति के इस्तेमाल पर रोक बरकरार रखी और पतंजलि द्वारा ‘40 जड़ी-बूटियों से निर्मित’ शब्दों को हटाने का वचन दर्ज किया। अदालत ने कहा, जैसे ही आप 40 जड़ी-बूटियां लिखते हैं, यह सीधे तौर पर उन (डाबर) के निशाने पर होता है। हमें इसमें दखल क्यों देना चाहिए? हालांकि, ‘साधारण’ शब्द के प्रयोग पर पीठ ने अलग दृष्टिकोण अपनाया।

First Published - September 24, 2025 | 8:06 AM IST

संबंधित पोस्ट