हैदराबाद स्थित दवा प्रमुख हेटेरो ने भारत में फाइजर की जेनेरिक दवा पैक्सलोविड के पूरे कोर्स के लिए 60 डॉलर की कीमत तय की है। पैक्सलोविड, कोविड-19 एंटीवायरल उपचार की दवा है। कंपनी इसका निर्यात 70 डॉलर प्रति कोर्स के अनुसार करेगी। इसके एक कोर्स के लिए 30 टैबलेट दिए जाते हैं। कंपनी ने कहा कि यह विश्व की पहली ऐसी कंपनी है जिसको कोविड-19 के ओरल एंटीवायरल की उपचार वाली दवा निरमाट्रेलविर के जेनेरिक वर्जन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से गुणवत्ता-पूर्व आश्वासन मंजूरी मिल गई है। इस दवा का उपयोग राइटोनाविर के साथ किया जाएगा, जो फाइजर की पैक्सलोविट के कोर्स में ही शामिल होगी।
हेटेरो के एक सूत्र ने बताया कि कंपनी ने पहले से ही दवाओं का उत्पादन करना शुरू कर दिया है। यह जल्द ही इनकी घरेलू बिक्री और निर्यात करना शुरू करेगी। दवाओं का उत्पादन कंपनी के हैदराबाद संयंत्र से होगा। सूत्र ने बताया कि संगठन की तरफ से मंजूरी मिले अभी एक ही दिन हुआ है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को पूरा करना आसान तो नहीं होगा। लेकिन, अब डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र मध्यम और निम्न आय वाले देशों के लिए उत्पादन और वितरण कर सकता है, और कंपनी अपने उत्पाद को लेकर तैयार है।
उन्होंने यह भी बताया कि पैक्सलोविड के पूरे कोर्स के लिए अन्य देशों को लगभग 500 डॉलर की कीमत चुकानी होगी। भारत में इसकी कीमत 60 डॉलर तय की गई है, जो अन्य देशों की अपेक्षा 4,900 रुपया कम है।
हालांकि भारतीय बाजार में यह दवा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं होगी। इस दवा को सरकारी और निजी संस्थानों और अस्पतालों से प्राप्त किया जा सकेगा। सार्वजनिक रूप से इस दवा की बिक्री पर इसलिए रोक लगा दी गई है ताकि इसकी नकली उत्पादन और बिक्री से बचा जा सके। इसके अलावा, महामारी के समय पर भी देखा गया था कि रेम्डेसवीर जैसी दवाओं की कैसे कालाबाजारी की गई थी।
इस दवा को कंपनी निरमाकॉम ब्रांड के तहत बेचेगी
हेटेरो ने कहा कि फाइजर की पैक्सलोविड कोविड-19 के खिलाफ ऐसा संक्रमणरोधी जेनेरिक दवा है, जिसे डब्ल्यूएचओ ने अधिक जोखिम वाले मरीजों के लिए आज तक की सबसे अच्छी दवा बताया है। हेटेरो अपनी दवा के पूरे कोर्स में आने वाली सभी दवाओं को निरमाकॉम ब्रांड के तहत बेचेगी। इसमें 150 एमजी की निरमाट्रेलविर टैबलेट और 100 एमजी की राइटोनाविर टैबलेट शामिल होगी। इसके पांच दिन के खुराक में कुल मिलाकर 30 टैबलेट होगी। इन दवाओं को सिर्फ डॉक्टर के परामर्श के बाद ही दिया जाएगा। इसके साथ यह भी जरूरी है कि कोविड के लक्षण पांच दिन के भीतर ही पहचान लिए गए हों और इसके भीतर ही दवा शुरू कर दी गई हो।
हेटेरो समूह के प्रबंध निदेशक वंशी कृष्ण बंधी ने कहा कि इससे हमारी नई दवा को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा। कंपनी निरमाकॉम को कम कीमत में भारत सहित सभी 95 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। मेडिसन्स पेटेंट पूल के कार्यकारी निदेशक चार्ल्स गोर ने कहा कि हम निरमाट्रेलवीर की पहली जेनेरिक दवा को लेकर खुश हैं, यह लाइसेंस फाइजर के तहत प्राप्त किया गया है।
मेडिसिन्स पेटेंट पूल (एमपीपी) के कार्यकारी निदेशक चार्ल्स गोर ने कहा, ‘हम एमपीपी लाइसेंस के तहत फाइजर के साथ निरमाट्रेलविर की पहली जेनेरिक दवा देखकर खुश हैं, जिसे डब्ल्यूएचओ मंजूरी प्राप्त हुई है। हेटेरो के लिए यह एक उपलब्धि है क्योंकि हमने नौ महीने पहले ही सब-लाइसेंस समझौतों की घोषणा की थी। कोविड के मामलों में फिर से वृद्धि के साथ, हमें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में उपचार आसानी से उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, ताकि कोई भी न छूटने पाए।’