facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

हजीरा बंदरगाह मामले पर न्यायालय करेगा सुनवाई

Last Updated- December 15, 2022 | 4:12 AM IST

हजीरा में बंदरगाह लाइसेंस के स्थानांतरण को लेकर आर्सेलरनिप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के साथ आर्सेलिरत्तिल और एस्सार के रुइया बंधुओं के बीच नया विवाद गुजरात उच्च न्यायालय में पहुंच गया है।
इसे लेकर याचिका गुजरात सरकार, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) और एस्सार बल्क टर्मिनल के खिलाफ दायर की गई है और इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होनी है। सूत्रों का कहना है कि न्यायालय सबसे पहले यह निर्णय लेगा कि क्या इस मामले को स्वीकार किया जाए या नहीं।
इस घटनाक्रम से अवगत सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों ने जीएमबी के समक्ष अपने विचार रखे हैं लेकिन इस बारे में निर्णय अभी नहीं आया था। जीएमबी ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एस्सार पोट्र्स के एक अधिकारी ने कहा कि यह दुखद है कि आर्सेलर मित्तल और निप्पॉन स्टील इस तरह के मामूली और कानूनी रूप से अस्थिर दावे पर गंभीरता दिखाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘आर्सेलर मित्तल आदतन ऐसा करती रही है, लेकिन हमारे लिए आश्चर्य की बात यह है कि निप्पॉन स्टील भी इस तरह के दृष्टिकोण का समर्थन कर रही है। उनका दावा संबद्घ पक्षों के बीच समझौते का उल्लंघन है और साथ ही यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत समाधान योजना के खिलाफ है।’
एएम/एनएस इंडिया ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत 42,000 करोड़ रुपये के सौदे में एस्सार स्टील (अब एएम/एनएस इंडिया) के अधिग्रहण के दिनों में लाइसेंस स्थानांतरण के लिए जीएमबी के समक्ष इस साल के शुरू में आवेदन किया था। लेकिन इस संबंध में निर्णय को टाल दिया गया।
पिछले साल, इस अधिग्रहण से पहले जीएमबी ने एक नए नीतिगत ढांचे की घोषणा की थी जिसका मकसद निजी जेट्टी धारकों को बाहरी कारगो के प्रबंधन की अनुमति देकर वैल्यू आकर्षित करना था।
नई नीति से पहले वाणिज्यिक माल का प्रबंधन कंपनी द्वारा पिछली नीति के तहत अलग अलग मामले के आधार पर मंजूरियों प्राप्त कर किया जाता था।
एएम/एनएस ने शुरू में कहा था कि ईबीटीएल को नियंत्रित करने वाले मौजूदा दीर्घावधि समझौते बरकरार रहने चाहिए और निजी इस्तेमाल के लिए तैयार जेट्टी में एएम-एनएस इंडिया की सहमति के बगैर कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।
एएम/एनएस इंडिया ने बड़ी विकास योजनाएं बनाई थीं और उसने क्षमता बढ़ाकर 1.2-1.5 करोड़ टन किए जाने का लक्ष्य रखा था।

First Published - July 28, 2020 | 12:12 AM IST

संबंधित पोस्ट