कंपनियों के अधिकारियों और विश्लेषकों के अनुसार भारत के कुछ सबसे बड़े समूह 2025 में अपनी नई ऊर्जा परियोजनाओं के पहले चरण को या तो चालू करने या व्यावसायिक रूप से शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। तेल एवं दूरसंचार फर्म रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), सज्जन जिंदल प्रवर्तित JSW समूह और इंजीनियरिंग दिग्गज लार्सन ऐंड टुब्रो (L&T) ऐसे समूह हैं जिनके अल्पावधि में नए ऊर्जा-संबंधी व्यवसायों के विस्तार या चालू होने की उम्मीद है।
एलऐंडटी में एलऐंडटी एनर्जी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख डेरेक एम शाह ने कहा, ‘एलऐंडटी को कांडला पोर्ट पर अपने पहले ग्रीन हाइड्रोजन डेमोंस्ट्रेशन प्लांट के लिए दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी से ईपीसी ऑर्डर मिला है, जिसमें एलऐंडटी के स्वदेशी रूप से निर्मित इलेक्ट्रो लाइजर की आपूर्ति भी शामिल है।’
सीएलएसए के विश्लेषकों ने आरआईएल जैसी अन्य कंपनियों के बारे में एक ताजा रिपोर्ट में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि रिलायंस की सोलर गीगा-फैक्टरी 2025 के शुरू में आरंभ हो जाएगी और अगले 12-15 महीनों में इसमें अन्य क्षमता जोड़ ली जाएगी।’आरआईएल ने शुरू में 2024 के अंत तक इस गीगा फैक्टरी का चरणबद्ध तरीके से परिचालन शुरू होने का अनुमान जताया था।
जेएसडब्ल्यू एनर्जी के अधिकारियों ने अक्टूबर में विश्लेषकों को बताया था कि उसके 3,800 टन क्षमता वाले ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र के लिए निर्माण कार्य शुरू हो गया है और मार्च 2025 तक यह चालू हो सकता है। इस समय-सीमा के बारे में जेएसडब्ल्यू एनर्जी को भेजे गए ईमेल संदेश का जवाब नहीं मिला है।
भारत के कई बड़े व्यावसायिक समूह बदलते ऊर्जा परिदृश्य के साथ उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए नए ऊर्जा व्यवसायों पर दांव लगा रहे हैं। जेएसडब्ल्यू एनर्जी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जिंदल ने एजीएम में शेयरधारकों से कहा, ‘अपनी ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं और ग्रीन हाइड्रोजन और उसके उप-उत्पादों की मदद से हम नए दौर के व्यवसायों के साथ ऊर्जा उत्पाद और सेवा कंपनी हैं।’
First Published - January 12, 2025 | 11:01 PM IST
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